शीतलहर के कारण बेअसर हुआ धूप का असर
जागरण संवाददाता औरैया सुबह से ही सूर्य देवता ने दर्शन देकर धूप की चादर से आम जनजीवन को
जागरण संवाददाता, औरैया : सुबह से ही सूर्य देवता ने दर्शन देकर धूप की चादर से आम जनजीवन को राहत देने का प्रयास किया। इस पर पानी फेरते हुए शीत लहर ने सर्दी को बरकरार रखा। दिन में बादलों ने सूर्य देवता के साथ लुका छिपी का खेल खेला। लोगों को लग रहा था कि धूप निकलने से ठंड पर लगाम लगेगी, लेकिन शीत लहर के प्रकोप के कारण धूप का असर फीका पड़ गया। सर्द हवाएं चलने से राहगीरों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। दिन में एक ओर अधिकतम तापमान 16 डिग्री व न्यूनतम सात डिग्री रहने से लोगों को ठंड का एहसास हुआ।
बुधवार को हुई बारिश के कारण एक ओर ठंड ने दोबारा दस्तक दी है। गुरुवार को सुबह से ही धूप निकलने से लोग कयास लगा रहे थे कि ठंड से राहत मिलने के आसार हैं, लेकिन शीत लहर ने धूप के प्रभाव को खत्म करते हुए लोगों के कयासों पर पानी फेर दिया। दोपहर में बीच-बीच में बादलों का अंधेरा छाता हुआ दिखा। शीत लहर के कारण बाइकों से निकले लोगों को ठंड ने झकझोर के रख दिया। बच्चे व बुजुर्ग ठंड में एहतियात बरतते हुए घर पर ही दुबके रहे। बाजारों में सामान्य दिनों की तुलना में चहलकदमी में कमी देखने को मिली। शाम होते ही बाजारों में सन्नाटा छा गया। काम पर निकले लोगों को शीत लहर के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बदलते मौसम की मार से बेजुबान भी अछूते नहीं हैं। ठंड की शुरुआत में ही नगर पालिका प्रशासन द्वारा शहर के प्रमुख स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की थी। आजकल इनके आसपास राहगीरों के अलावा बेजुबान जानवरों को अधिक संख्या में देखा जा सकता है। अलाव इस ठंड में जानवरों के लिए राहत के पर्याय बने हुए हैं। मौसम वैज्ञानिक संदीप कुमार ने बताया कि कुछ दिनों तक मौसम निरंतर ऐसा ही रहने वाला है। लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है। पछुआ हवा व बारिश से फसलों का होगा नुकसान
फफूंद : अधिक सर्दी के बाद धूप निकलने से मौसम सुहाना लगने लगा था। किसान अपनी फसलों में खाद पानी देने लगे थे। बुधवार को हुई हल्की बारिश तथा गुरुवार को तेज पछुआ हवाओं के चलने से गलन बढ़ गई। इससे गेहूं व फलदार वृक्षों को लाभ होगा। तिलहनी तथा दलहनी फसलों में नुकसान होने की संभावना है।
कृषि केंद्र परवाहा के वैज्ञानिक डॉक्टर एसके सिंह ने बताया कि बारिश के बाद तेज चलती पछुआ हवाओं से दलहनी फसलों को नुकसान होने की संभावना है। अरहर की फसल के फूल झड़ जाने से उत्पादन में कमी आ सकती है। चना, मटर व मसूर कम पानी वाली फसलें हैं। इस कारण इन फसलों में फूल कम आएगा। इससे उत्पादन पर असर पड़ेगा। सरसों की फसल में फलियां बनने की प्रक्रिया चल रही है। तेज हवाओं के चलने से फलियां टूट कर गिर जाने पर फसल के उत्पादन पर असर पड़ेगा। जिससे किसानों को नुकसान हो जाने की संभावना है। फूल गोभी, टमाटर तथा आलू की फसल को भी बारिस और तेज हवाओं से नुकसान होने की संभावना है। वहीं गेहूं, लीची, आम एवं फलदार वृक्षों को बारिश से लाभ होगा। ऐसे मौसम में आम के पेड़ों पर अच्छा बौर आने की उम्मीद है।