टेक्नीशियन और मशीन के भरोसे है रोगों की जांच
जागरण संवाददाता, औरैया: जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था अवस्थापना सुविधाओं के कारण नहीं मानव संसाधनो
जागरण संवाददाता, औरैया: जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था अवस्थापना सुविधाओं के कारण नहीं मानव संसाधनों के कारण बदहाल है। डॉक्टरों पर मरीजों का बोझ तो है जांच की व्यवस्था जैसे तैसे चल रही है। सीएचसी पीएचसी में कई जगह एक्सरे और अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था है तो जिला स्तरीय 50 शैय्या और सौ शैय्या जिला अस्पताल में भी जांच की पूरी व्यवस्था है। लेकिन सभी टेक्निशियन के भरोसे। हाल यह है कि यहां हर प्रकार की जांच की सुविधा होने के बावजूद पैथोलाजिस्ट न होने से मात्र टेक्नीशियन के निष्कर्ष पर ही इलाज होता है। ऐसे में समझ सकते हैं गर्भवती और दूसरी गंभीर बीमारियों के इलाज में कितनी असुविधा होती होगी पूरे जिले में मात्र एक रेडियोलाजिस्ट
यहां 25 पीएचसी सात सीएचसी, 50 बेड और 100 बेड के दो जिला अस्पताल हैं। कई सीएचसी पर एक्सरे अल्ट्रासाउंड के अलावा जिले स्तरीय अस्पतालों में इसकी व्यवस्था है। 50 बेड के जिला अस्पताल में खून, पेशाब, मलेरिया, टाइफाइट, हड्डी औहर गर्भवती समबंधी जांच के अलावा एक्सरे भी होता है। लेकिन यहां न तो रेडियोलाजिस्ट है न ही पैथोलाजिस्ट, जिससे यह सारी जांच लैब व एक्सरे टैक्नीशियन ही करता है। जिससे इनका विश्लेषण नहीं हो पता है। डाक्टर आधी अधूरी रिपोर्ट पर ही काम करता है। 100 शैय्या अस्पताल चिचौरी में दूसरी जांच तो नहीं तो है, लेकिन सीटी स्कैन और अल्ट्रा साउंड की सुविधा है लेकिन यहां केवल हाल ही में नियुक्त हुए रेडियो लाजिस्ट हैं पैथोलॉजिस्ट कोई नहीं है।
::::::::::::::::
थोड़ी भी दिक्कत में रेफर
इससे गंभीर रोगियों के लिए बड़ी समस्या होती है। थोड़ी सी दिक्कत होने यहां ठीक प्रकार से जांच के लिए डॉक्टरों रेफर कर दिया गया है। मशीन की बात मानों
डॉक्टरों का कहना है सारी जांच मशीनों से आती है, उस रिपोर्ट को हम अपने स्तर से समझते हैं। पैथालॉजिस्ट होता है तो वह इसका विश्लेषण कर बेहतर रिपोर्ट देता है जिससे हमें इलाज में आसानी होती है। पैथॉलॉजिस्ट के लिए बंद ब्लड बैंक
यहां 10 साल पहले तक ब्लड बैंक चलता था। इसके सारे उपकरण आदि हैं। करोड़ों की बि¨ल्डग बनी खड़ी है। लेकिन पैथॉलाजिस्ट न होने से यह बंद है और उपकरण खराब हो रहे हैं। यहां तक इसका पंजीकरण की मियाद खत्म हो चुकी है। सीएमएस का माने तो ब्लैड बैंक के लिए पत्र लिखा है। इन मशीनों के भरोसे जांच
बायोमैट्रक मशीन, फुली एनलाइजर. इलेक्ट्रोलाइट मशीन, पीएसआर मशीन
एचबी वन, एशी मशीन, आटोमैटिक सेंटीफ्यूज मशीन इन जांचों की है व्यवस्था
लीवर संबंधी किडनी , हार्ट हड्डी, गर्भवती महिलाओं की सभी प्रकार की जांच, मलारिया टाइफाइट पेशाब की जांच होती है। थराइयड मशीन की जांच नहीं हैं।
अल्ट्रा साउंड, सीटी स्कैन। पैथॉलिजिस्ट और रेडियोलाजिस्ट की आवश्यकता है। जांच मशीनों से होती है और उसी से रिपोर्ट आती है। उसके आधार पर संबंधित डाक्टर इलाज कर रहे हैं। पैथॉलाजिस्ट की अपनी विशेषज्ञता होती है। उसके द्वारा रिपोर्ट का बेहतर विश्लेषण होता है इससे इलाज में आसानी होती है। पैथॉलॉजिस्ट के न होने ब्लड बैंक भी बंद पडा है। इसके लिए पत्र लिखा गया है।
-डॉ पीके कटियार, सीएमएस, जिला अस्पताल (50 शैय्या), औरैया।