Move to Jagran APP

गबन का आरोपित कर समाहर्ता ने जमा किए रुपये

जागरण संवाददाता, औरैया : नगर पालिका के कर समाहर्ता द्वारा दुकानों से की गई वसूली की रक

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 06:54 PM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 06:54 PM (IST)
गबन का आरोपित कर समाहर्ता 
ने जमा किए रुपये
गबन का आरोपित कर समाहर्ता ने जमा किए रुपये

जागरण संवाददाता, औरैया : नगर पालिका के कर समाहर्ता द्वारा दुकानों से की गई वसूली की रकम को गबन किए जाने मामले में अब नया मोड़ सामने आया है। पुलिस का शिकंजा कसता देख कर समाहर्ता ने गत शनिवार को पालिका के खाते में गबन की गई धनराशि को जमा कर दिया। इसके बाद उसने पत्र के साथ जमा की गई धनराशि की रशीद रजिस्ट्री के माध्यम से नगर पालिका को भेजी है। मंगलवार को रजिस्ट्री मिलते ही पालिका में यह खबर फैल गई।

loksabha election banner

गत दो अप्रैल को दैनिक वसूली की समीक्षा के दौरान 8 लाख 73 हजार 700 रुपये कम पाए जाने पर जांच कराई गई थी। इसमें पाया गया कि कर समाहर्ता सत्य प्रकाश चौधरी ने इस धनराशि का गबन कर लिया है। कर समाहर्ता का पद संभालने के बाद से वह प्रति माह कुछ न कुछ धनराशि भी जमा कर देता था। जांच में पाया गया था कि चार रशीद बुक से सत्य प्रकाश चौधरी ने एक वर्ष में 25 लाख 26 हजार 139 रुपये की वसूली की। इसमें से उसने पालिका के कोष में पूरे एक वर्ष में समय-समय पर कुल 16 लाख 52 हजार 495 रुपये ही जमा किये हैं। इस पर अधिशासी अधिकारी संजय कुमार ने मामले की जांच राजस्व निरीक्षक मंशाराम यादव से कराई गई थी। मंशाराम यादव ने जांच के बाद आख्या प्रस्तुत करते हुए बताया कि कर समाहर्ता सत्य प्रकाश चौधरी ने वसूली गई रकम में से 8 लाख 73 हजार 644 रुपये पालिका के कोष में जमा नहीं किये हैं। इसके चलते जांच में उसे गबन के लिए दोषी पाया गया। इसके बाद कर समाहर्ता को 7 अप्रैल को निलंबित करने के बाद 9 अप्रैल को शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया। इस मामले की विभागीय जांच जलकल अभियंता विकास चौहान को दी गई थी। मुकदमा दर्ज होने के बाद से पुलिस भी कर समाहर्ता की तलाश कर रही थी। इसके चलते ही कर समाहर्ता ने गत शनिवार को सेंट्रल बैंक की खानपुर शाखा में पालिका के खाते में 8 लाख 73 हजार 700 रुपये जमा कर दिये। इसके बाद जमा की गई धनराशि की रशीद के साथ एक रजिस्ट्री पालिका के अधिकारियों को कर दी। इसकी जानकारी पालिका में जैसी ही मिली वैसे ही चर्चाओं का दौर गरम हो गया। कर समाहर्ता ने पत्र में लिखा है कि पारिवारिक समस्याओं व पत्नी की बीमारी से वह उक्त धनराशि जमा नहीं कर सका था। इस संबंध में अधिशासी अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। रुपये जमा होने की अभी तक उन्हें जानकारी नहीं मिली है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.