सुदामा चरित्र सुनकर श्रोता हुये भाव विभोर
संवादसूत्र, अटसू: क्षेत्र के ग्राम पैगूपुर में आयोजित साप्ताहिक श्रीमदभागवत कथा के अंतिम दिन आचाय
संवादसूत्र, अटसू: क्षेत्र के ग्राम पैगूपुर में आयोजित साप्ताहिक श्रीमदभागवत कथा के अंतिम दिन आचार्य बृजकिशोर शुक्ल ने सुदामा चरित्र के माध्यम से मित्रता को परिभाषित किया। उन्होंने बताया कि आपात समय में सच्चे मित्र की पहचान होती है। भगवान कृष्ण ने सुदामा के चरणों को धोकर मित्रता को सर्वोपरि बताया है। कथा को सामाजिकता से जोड़ते हुए उन्होंने बताया कि आजकल छल द्वारा लोगों के साथ मित्रवत व्यवहार किया जा रहा है। यही कारण है कि पूजा पाठ करने का समुचित फल लोगों को नहीं मिल रहा है। उन्होंने निर्मल मन जन से मोहि पावा, मोह कपट छल छिद्र न भावा , चैपाई का व्याख्यान करते हुये सुदामा चरित में बताया कि सुदामा को कोई छल नही था। यही कारण था कि भगवान नंगे पैरों दौडकर चले आये थे। ओर अपने आसन पर सुदामा को विराजमान कर कीर्ति को स्थापित किया।
इस दौरान, परीक्षित सहित समस्त ग्रामवासी लोगों की व्यवस्था में तन्मयता से जुटे रहे।