आध्यात्मिक संवाद सुन भाव विभोर हुए दर्शक
संवाद सहयोगी, अजीतमल: क्षेत्र के गांव मौहारी में मां काली मंदिर परिसर के पास चल रही तीन दिव
संवाद सहयोगी, अजीतमल: क्षेत्र के गांव मौहारी में मां काली मंदिर परिसर के पास चल रही तीन दिवसीय रामलीला के तीसरे दिन धनुष-यज्ञ लीला का मंचन प्रदेश के प्रसिद्ध कलाकारों ने किया। सुबह तक चले परशुराम-लक्ष्मण संवाद में दर्शक डटे रहे और आध्यत्मिक विचारों को सुन भाव विभोर हो गए। हास्य व नृत्य कलाकारों ने भी दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।
बीती रात्रि गांव मौहारी में धनुष-यज्ञ का मंचन किया गया। जनक जी द्वारा प्रस्तुत विलाप Þतजहु आस निज निज गृह जाऊ, वीर विहीन मही में जानी में शब्दों को सुन लक्ष्मण जी ने क्रोध जताया। सभी राजाओं को चुनौती देने के बाद, रावण-वाणासुर संवाद का सुंदर मंचन किया गया। बाद में मर्हिष विश्वामित्र के आदेश पर भगवान श्रीराम को दो खंडों में विभाजित कर दिया। पूरा पंडाल जयघोष से गूंज उठा। इसके बाद राम-सीता जयमाला कार्यक्रम का आयोजन किया गया। धनुष के टूटते ही भगवान परशुराम जनकपुरी आ पहुंचे। उनके द्वारा घोषणा करने पर कि Þ सो बिलगाई विहाय समाजा न त मारे जैह¨ह सब राजाÞ लक्ष्मण जी सामने आ गए। इसके बाद परशुराम-लक्ष्मण के बीच सुबह तक आध्यात्मिक संवाद चला जिससे सुनने के लिए दर्शक डटे रहे। राम का अभिनय अरुण कुमार मिश्रा औरैया , लक्ष्मण रमाकांत त्रिपाठी औरैया , परशुराम रमन त्रिपाठी कानपुर, जनक शशांक अवस्थी मंधना कानपुर आदि प्रसिद्ध कलालरों के द्वारा लीला का मंचन किया गया। राधिका व कामिनी नृत्य कलाकारों दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। कार्यक्रम के दौरान कमेटी के अध्यक्ष ज्ञान ¨सह पाल, ग्राम प्रधान जबर ¨सह ,नगेंद्र त्रिपाठी, रघुराज ¨सह, ब्रजरिषी, अनिल, कमलेश, जयपाल¨सह, मोहन पाल, धर्मवीर, मिट्ठन ¨सह, सहित रामलीला समिति के सदस्य मौजूद रहे ।