टैंक में गिरा बारहसिंघा, वन विभाग की टीम ने निकालकर जंगल में छोड़ा
संवाद सहयोगी अजीतमल बाबरपुर कस्बे के मोहल्ला इस्लाम नगर में पानी से भरे टैंक में जंगल से अ
संवाद सहयोगी, अजीतमल : बाबरपुर कस्बे के मोहल्ला इस्लाम नगर में पानी से भरे टैंक में जंगल से आया एक सांभर (बारहसिंघा) गिर गया। वन विभाग के कर्मचारियों ने उसे निकालकर क्षेत्र के पचदेवरा के जंगलों में छोड़ दिया। वहीं लोगों में इस बात की चर्चा रही कि कहीं लायन सफारी से भटककर तो नहीं आ गया। या फिर इसे कहीं ले तो नहीं जाया जा रहा था।
मोहल्ला इस्लाम नगर निवासी फारूख के घर के निर्माणाधीन मकान के बाहरी ओर बने टैंक में रविवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे छपछप की आवाज पड़ोसी मुकीम खां ने सुनी। किसी के गिरने की आशंका पर उसने उठकर देखा तो टैंक में गिरे बारहसिंघा को देखकर आसपास के लोगों का जगाया। इसे देखने के लिए काफी भीड़ एकत्र हो गई। सूचना पर वन विभाग के डिप्टी रेंजर राजकुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और उसे टैंक से बाहर निकलवाया और पचदेवरा के जंगलों में छोड़ दिया। लोगों में इस बात को लेकर निराशा भी रही कि जंगल के विलुप्त हो रही प्रजाति को वन विभाग टीम ने लायन सफारी या फिर किसी जू में क्यों नहीं भेजा। डिप्टी रेंजर राजकुमार ने बताया कि वह किसी तरह जंगल से भटककर आ गया। पर्यावरण विशेषज्ञ डा. अजय सिंह ने बताया कि दलदलीय मृग, सावक, बारहसिघा, सांभर आदि नामों से जानी जाने वाली हिरन की प्रजातियां यों तो लुप्त सी होती जा रही है। अपने क्षेत्र के जंगलों में ये देखने को नहीं मिलती हैं। वन्य संपदा के कटान, बीहड़ी टीलों के समतलीकरण, शिकारियों से पीछा करने से झुंड से भटककर भोजन और पानी की तलाश आदि के कारण इक्का दुक्का बची जंगली प्रजातियां कभी कभार कस्बों की ओर आ जाती हैं।