Move to Jagran APP

नुमाइश मैदान को बेचने की थी तैयारी, आरोपों में घिरे अधिशासी अधिकारी

जागरण संवाददाता औरैया उत्तर प्रदेश जल निगम के प्रबंध निदेशक नोडल अधिकारी अनिल कुमार के

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 11:26 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 11:26 PM (IST)
नुमाइश मैदान को बेचने की थी तैयारी, आरोपों में घिरे अधिशासी अधिकारी
नुमाइश मैदान को बेचने की थी तैयारी, आरोपों में घिरे अधिशासी अधिकारी

जागरण संवाददाता, औरैया: उत्तर प्रदेश जल निगम के प्रबंध निदेशक नोडल अधिकारी अनिल कुमार के चार दिवसीय दौरे में नगर पालिका परिषद की पोल खुली है। यहां पर पालिका परिषद के अध्यक्ष व अधिशासी अधिकारी दोनों पर आरोप लगे हैं। आठ बिदुओं पर जांच अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व की अध्यक्षता में बनी समिति कर रही है। लगे आरोपों की सत्यता को जांचने में जुटी समिति को अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला है। शिकायती पत्रों में लगाए गए वित्तीय अनियमितता व सरकारी धन का दुरुपयोग करने के मामले में अधिशासी अधिकारी के पास कोई जवाब नहीं है। यहां पर नुमाइश मैदान को बेचने की मंशा के तहत तालाब को पाटने का भी आरोप है।

loksabha election banner

अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व रेखा एस चौहान की निगरानी में नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी की कार्यशैली पर लगे आरोपों की जांच शुरू करा दी गई है। समिति सदस्यों में अधिशाषी अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग, उप जिलाधिकारी, वरिष्ठ कोषाध्यक्ष व उपायुक्त वाणिज्य कर हैं। आरोपों के बिदुओं पर नजर डाली जाए तो यहां पर अधिकारी द्वारा सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। बिना बोर्ड की मीटिग में प्रस्ताव पारित कराए गए। सुभाष चौक के पास सरकारी धन से दुकानों का निर्माण कराने की योजना बना ली गई। इसके अलावा अलग-अलग दुकानों के खारिज व निर्माण की अनुमति भी नहीं ली गई। नुमाइश मैदान के पास एक तालाब को पाटने के लिए करीब 24 लाख रुपये खर्च कर दिए गए। यहां पर प्लाटिग की भी तैयारी थी। तालाब को मिट्टी से पाटने के लिए टेंडर भी कर दिए गए। वहीं मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के बावजूद यह कदम उठाए गए। इसकी भनक पर प्रशासन द्वारा कार्य रुकवाया गया।

-----------------

जांच के कुछ महत्वपूर्ण बिदु:

- नगर में लगभग 50 करोड़ की लागत से पेयजल आपूर्ति हेतु बिछाई गई पाइप लाइन को अवैधानिक तरीके से हस्तांतरण करना, जिस कारण पेयजल आपूर्ति की समस्या अभी भी बनी हुई है।

- वित्तीय नियमों व टेंडर प्रक्रिया का नियमानुसार पालन किए बिना सफाई व प्रकाश व्यवस्था को लेकर उपकरणों की खरीद।

- जल निकासी को लेकर पालिका द्वारा अंडरग्राउंड पाइप लाइन के निर्माण के नाम पर सरकारी धन का अपव्यय एवं दुरुपयोग करना ।

- तालाबों की यथास्थिति कायम रखने के आदेश का उल्लंघन करना।

- बिना अर्हता के चालकों की नियुक्ति पर मुहर लगाना।

---------------

'आरोपों की जांच पांच सदस्यीय समिति कर रही है। आख्या के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।' -सुनील कुमार वर्मा, जिलाधिकारी 'आरोप बेबुनियाद है। किसी प्रकार का सरकारी धन दुरुपयोग नहीं किया गया है। जांच में सब सामने होगा।' बलवीर सिंह, अधिशासी अधिकारी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.