गरीबी ने बुजुर्गों से छीना सहारा
संवादसूत्र, रुरूगंज : गरीबी ने दो बुजुर्गों से उनका सहारा छीन लिया। जिस पिता का इलाज कराने
संवादसूत्र, रुरूगंज : गरीबी ने दो बुजुर्गों से उनका सहारा छीन लिया। जिस पिता का इलाज कराने के लिए सोनू दर दर भटक कर रुपये की जुगाड़ में लगा था, उस पिता ने जब अपने पुत्र को फांसी के फंदे पर लटका देखा तो हतप्रभ रह गया। शव नीचे उतरने के बाद वह उसके सीने पर सिर रख कर फूट फूट कर रोता रहा। उसने कई बार कहा हे भगवान मुझे उठा लेते इस बेचारे की जान क्यों ले ली। पिता की इन बातों को सुन वहां मौजूद लोगों की आंखें भी भीग गईं।
बिधूना कोतवाली क्षेत्र के कस्बा रुरूगंज चौराहा निवासी राधेश्याम के 23 वर्षीय पुत्र सोनू ने फांसी लगाकर खुदकशी कर ली। इसकी जानकारी जैसे ही लोगों को हुई तो सभी की जुबान पर उसकी लाचारी और बेबसी की बात आ गई। लोग यही करते सुने गये कि वह पिता का इलाज कराना चाहता था। रुपये के इंतजाम में लगा था, लगता है नहीं हो पाया तभी उसने यह रास्ता चुन लिया। कुछ उसकी मदद न कर पाने से खुद को कोस भी रहे थे। क्षेत्र में जैसे ही सोनू की मौत की जानकारी हुई तो रिश्तेदारों सहित कई लोग उसके दरवाजे पिता और बाबा को ढांढस बंधाने पहुंच गये। उसका भाई भी जानकारी मिलते ही पहुंच गया। लेकिन सोनू के पिता और बाबा की आंखों में आंसू जैसे सूख गये थे। लोग उनकी इस चुप्पी को तोड़ने का प्रयास कर रहे थे। लेकिन दोनों बुजुर्गों को अपने इकलौते सहारे के चले जाने का बेहद गम था। कस्बे में ही रहने वाले सपा जिलाध्यक्ष रामलखन प्रजापति, बसपा जिलाध्यक्ष इंद्रेश शाक्य, र¨वद्र यादव, ग्राम प्रधान कांती देवी, अर¨वद राजपूत आदि ने सोनू के घर पहुंच कर उसके परिजनों को ढांढस बंधाते हुए आर्थिक मदद भी दी। वहीं क्षेत्रीय लेखपाल प्रदीप जादौन ने भी घर पहुंच कर जांच पड़ताल की।