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कोतवाली निरीक्षक के खिलाफ लामबंद हुई जनता

संवाद सहयोगी, अजीतमल(औरैया): क्षेत्र में अपराध कैसे रुके जब पुलिस ही आम जनता की सुनती नहीं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Jan 2019 11:11 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jan 2019 11:11 PM (IST)
कोतवाली निरीक्षक के खिलाफ लामबंद हुई जनता
कोतवाली निरीक्षक के खिलाफ लामबंद हुई जनता

संवाद सहयोगी, अजीतमल(औरैया): क्षेत्र में अपराध कैसे रुके जब पुलिस ही आम जनता की सुनती नहीं। चोरी, लूट, या फिर छेड़छाड़ हो, पुलिस की बला से। वह तो अपने ढर्रे पर ही चलेगी। हाकिम का भी इनको डर नहीं है। ऐसा लगता है कि जैसे घरों में चोरी जैसी घटनाएं तो अपराध की श्रेणी में आती ही नहीं हैं। तभी तो वह इसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं करती है। इन्हीं सब मामलों को देखते हुए अजीतमल की जनता अब कोतवाली निरीक्षक के विरुद्ध लामबंद हो चुकी है।

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गुरुवार को एक छात्र सौरभ कुमार को कुछ नामजद लोगों ने थाना विद्यालय से घर आते समय पीट दिया था। बताया गया कि घटना की शिकायत करने कुछ लोग कोतवाली पहुंचे। आरोप है कि थाना निरीक्षक बालिराज शाही से शिकायत करने गए लोगों में से बाबरपुर निवासी संजय का ही शांतिभंग में चालान कर दिया गया। साथ ही कई चोरी के मामलों में एफआइआर दर्ज न करने से गुस्साए लोगों ने एसडीएम को ज्ञापन देते हुए उन्हें हटाए जाने की मांग की है। एसडीएम विजय प्रताप ने मामले की जांच सीओ द्वारा कराए जाने की बात कही है। चोरी का दर्ज नहीं होता मुकदमा

गुरुवार को भूरेपुर कलां में हुई लाखों की चोरी के मामले में कोतवाली निरीक्षक द्वारा अभी तक मामला दर्ज नहीं किया गया है। राज नारायण पुत्र राम प्रकाश ने तीन आरोपितों के नाम तहरीर दी है। आरोप है कि थाना निरीक्षक द्वारा फर्जी चोरी होने की बात कहते हुए कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। वहीं इससे पूर्व अजुआपुर में बीते माह लोक प्रकाश के घर से जेवरात व नकदी समेत कुल छह लाख का चोर माल पार कर ले गए थे। उनका कहना है कि थाना निरीक्षक द्वारा चोरी का कोई मुकदमा नहीं लिखे जाने की बात कही जाती है। आइजी ने भी लगाई थी फटकार

संपूर्ण समाधान में जनता की फरियाद सुनने पहुंचे आइजी आलोक ¨सह से एक महिला ने दो मवेशी चोरी होने की शिकायत की थी। जिस पर एफआइआर दर्ज न होने की जानकारी उन्हें हुई थी। बारेपुर निवासी अर्चना पत्नी गजेंद्र ¨सह ने 21 अगस्त को दो मवेशी सवा लाख कीमत की चोरी होने की जानकारी दी थी। थाने में दी गई तहरीर में दो लोगों को आरोपित बनाया गया था। कोतवाली निरीक्षक पर पैसे लेकर आरोपित को छोड़ने का आरोप भी लगा था। जिस पर आइजी ने निरीक्षक बालिराज शाही को फटकार लगा एसपी को कार्रवाई के निर्देश दिए थे।


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