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नारकीय जीवन जीने को विवश भिखानी पुर्वा के लोग

संवाद सूत्र, सहायल : विकास खंड सहार क्षेत्र की ग्राम पंचायत बरियारेमऊ के मजरा भिखानी पुर्वा मे

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 May 2018 11:14 PM (IST)Updated: Tue, 08 May 2018 11:14 PM (IST)
नारकीय जीवन जीने को विवश भिखानी पुर्वा के लोग
नारकीय जीवन जीने को विवश भिखानी पुर्वा के लोग

संवाद सूत्र, सहायल : विकास खंड सहार क्षेत्र की ग्राम पंचायत बरियारेमऊ के मजरा भिखानी पुर्वा में ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव की मनमानी के चलते ग्रामीणों को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। ग्रामीण पेयजल संकट, शौचालय न होने व बजबजाती नालियों की वजह से परेशान हो नारकीय जीवन जीने को विवश हैं।

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ग्राम पंचायत बरियारेमऊ के मजरा भिखानी पुर्वा में पेयजल के लिए पांच हैंडपंप लगे हैं। ग्रामीण रमाकांत पाठक, धर्म नारायण, बड़े तिवारी व महादेव मंदिर के पास लगे हैंडपंप वर्षों से खराब पड़े हैं। गांव में जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने से घरों का पानी आम रास्तों पर बहता रहता है। इससे सड़कों से निकलना दूभर है। मजरे में अभी तक एक भी शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है। गांव निवासी बृजलाल पुत्र गिरधारी ने बताया कि वह अभी भी झोपड़ी में रहकर परिवार का जीवन यापन कर रहे हैं। बृजलाल के मुताबिक आवास के नाम पर 20 हजार रुपये की उससे मांग की गई थी। रुपये का इंतजाम न होने से आवास आवंटन नहीं हुआ। ग्रामीण मोनू, कैलाश, रमाकांत, महेंद्र ¨सह आदि ने बताया कि गांव में कोई भी विकास कार्य नहीं कराया गया है। विभागीय अधिकारियों की साठगांठ से विकास निधि का लाखों रुपये हड़प लिया जाता है। इसकी जांच करवाए जाने के लिए जिलाधिकारी को कई बार पत्र भेजकर शिकायत की। लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता से नतीजा कुछ भी नहीं निकला। आक्रोशित ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के जन सुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराकर विकास कार्यों की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की है। ग्रामीण बोले

राजू पाठक ने बताया कि वर्षों पूर्व बनी जल निकासी के लिए नालियां टूट जाने से घरों व बरसाती पानी सड़क पर भरा रहता है। इससे आवागमन में दिक्कत होती है। सबसे ज्यादा दिक्कत तो सुबह स्कूल पढ़ने जाने वाले बच्चों की है। बच्चे गिरकर आए दिन चुटहिल होते हैं। अंकित ने बताया कि गांव के सभी हैंडपंप खराब होने से पेयजल की बड़ी समस्या है। विकास खंड अधिकारी से शिकायत की तो वह पंचायत का मामला बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। गया प्रसाद ने बताया कि सात-आठ वर्षों से गांव में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। जबकि जिम्मेदारों ने हेरा फेरी कर शासन से आई विकास निधि भी हड़प कर ली है। उन्होंने बताया कि गांव में शौचालय न होने की वजह से अक्सर बहन बेटियां बाहर जाती हैं, जिससे उन्हें शर्मिंदगी महसूस होती है। सर्वेश ने बताया कि पंचायत की अनदेखी से मजरा विकास कार्यों से अछूता है। द्वेषभावना के चलते कोई विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। शिकायत के बावजूद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। खंड विकास अधिकारी सहार नित्यानंद तिवारी ने बताया कि वह मामले को गंभीरतापूर्वक ले जांच करवाएंगे। खराब हैंडपंप भी शीघ्र दुरुस्त करा दिए जाएंगे।


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