लगातार तीसरी बार अनारक्षित सीट होने पर लोगों ने जताई आपत्ति
संवादसूत्र फफूंद नई आरक्षण नीति के तहत ग्राम पंचायतों के किए गए आरक्षण के बाद आपत्तियां
संवादसूत्र, फफूंद : नई आरक्षण नीति के तहत ग्राम पंचायतों के किए गए आरक्षण के बाद आपत्तियां दर्ज कराने का दौर शुरू हो गया है। अधिकांश लोगों ने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत के आरक्षण में मनमानी की गई है। आठ मार्च तक आपत्ति लगाई जाएगी। 14 मार्च को अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएगा।
विकासखंड भाग्यनगर क्षेत्र की ग्राम पंचायत मुडैना रामदत्त के एक दर्जन ग्रामीण शुक्रवार को खंड विकास अधिकारी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने ग्राम पंचायत के आरक्षण पर आपत्ति दर्ज कराई है। ग्रामीणों ने बताया कि 2010 से लगातार उनकी ग्राम पंचायत की सीट अनारक्षित आ रही है। जबकि चक्र के हिसाब से सीट का परिवर्तन होना चाहिए था। 2010 में सामान्य महिला, 2015 में अनारक्षित व 2021 की सूची में भी उनकी ग्राम पंचायत की सीट अनारक्षित कर दी गई है। जब की यह नियम विरुद्ध है। उनकी ग्राम पंचायत में हर वर्ग के लोग रहते हैं, जिससे सभी को मौका मिलना चाहिए। लगातार तीसरी बार अनारक्षित सीट होने से हम लोगों को मौका नहीं मिल पा रहा है। सीट का बदलाव होने से उन लोगों को भी मौका मिलना चाहिए। इस मौके पर प्रमोद कुमार, अखिलेश कुमार दोहरे, धर्मेंद्र कुमार दोहरे, शिवम त्रिपाठी, नवीन कुमार कठेरिया, चंद्र प्रकाश सक्सेना, यशपाल सिंह, रविशंकर, कृष्ण लाल, अमित कुमार, शिववीर सिंह, अमन मौजूद रहे।
-------------------
नई पेंशन और निजीकरण के विरोध में विधायक को सौंपा ज्ञापन
जागरण संवाददाता, औरैया : पुरानी पेंशन बहाली व निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों के संगठन अटेवा द्वारा जन प्रतिनिधियों को ज्ञापन देने का अभियान चल रहा है। इसी अभियान के तहत शुक्रवार को अटेवा की औरैया कार्यकारिणी ने बिधूना विधायक को ज्ञापन सौंप कर पेंशन बहाली की मांग की है। विधायक विनय शाक्य ने कर्मचारियों की मांग को जायज बताकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
अटेवा संगठन के जिलाध्यक्ष अमन यादव, कोषाध्यक्ष देवेंद्र कुमार समेत अमर सिंह ब्लाक अध्यक्ष बिधूना व आशुतोष शुक्ला ब्लाक अध्यक्ष सहार ने विधायक प्रतिनिधि देवेश शाक्य को ज्ञापन देकर बताया कि भारत सरकार की नौकरी में एक जनवरी 2004 से व यूपी सरकार की नौकरी में एक अप्रैल 2005 से कर्मचारियों के बुढ़ापे का सहारा पुरानी पेंशन व्यवस्था समाप्त कर नई पेंशन योजना लागू कर दी गई। इसको लेकर देश भर में शिक्षकों, कर्मचारियों व अधिकारियों में रोष व्याप्त है और अटेवा के बैनर तले आंदोलन जारी है। इस व्यवस्था से देश भर के साढ़े तीन करोड़ लोग सीधे प्रभावित हैं। इसी के साथ भारत सरकार द्वारा सरकारी उपक्रमों का तेजी से निजीकरण किया जा रहा है जिससे लाखों लोग सरकारी नौकरी से वंचित हो रहे हैं।संगठन ने विधायक द्वारा मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कर्मचारियों की दोनों समस्याओं से अवगत कराने का निवेदन किया। संगठन की मांग पर विधायक द्वारा तुरंत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा गया। शिवम अग्रवाल, सुभाष शाक्य भी मौजूद रहे।