खोली गई अलमारी, निकाले गए दस्तावेज
जिला समाज कल्याण कार्यालय में अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार
खोली गई अलमारी, निकाले गए दस्तावेज
जागरण संवाददाता, औरैया: जिला समाज कल्याण कार्यालय में अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार उत्पीड़न मद घोटाला का राजफाश होेने के बाद से आरोपितों का अता-पता नहीं है। अलमारी में फाइल बंद होने से होने वाली कार्रवाई तीन महीने से कागजों में टल रही थी। विभागीय अन्य कार्य भी बाधित हो रहे थे। जिलाधिकारी द्वारा गठित टीम की मौजूदगी में बुधवार को अलमारी खोली गई और अभिलेखों की जांच पड़ताल का कार्य शुरू हुई। जल्द दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
बिधूना के लोहिया नगर निवासी शिवम सिंह की शिकायती पर अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार उत्पीड़न मद घोटाला की जांच में पाया गया कि वर्ष 2021-22 में 17 लाभार्थियों के खाता नंबर बदलकर नौ लाख 75 हजार, 2020-21 में नौ लाभार्थियों का नौ लाख 25 हजार व 2019-20 में 13 लाभार्थियों का सात लाख 25 हजार रुपये की धनराशि का घोटाला किया गया। इसमें पटल सहायल आकाश गौतम और कंप्यूटर आपरेटर मनोज कुमार को दोषी पाया गया। तत्कालीन प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी आशुतोष सिंह, श्रीभगवान और आवेश कुमार को जिम्मेदारी के निर्वहन में लापरवाही सामने आई। जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव व मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार सिंह के पास पहुंचने से पहले ही पटल सहायक फरार हो गया। अभिलेख एक अलमारी में बंद होने से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। मामला तूल पकड़ता जिला समाज कल्याण अधिकारी इन्द्रा सिंह ने जिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव से कुछ दिन पूर्व सक्षम अधिकारी व गठित टीम की मौजूदगी में अलमारी खोले जाने की मांग की थी। जिस पर नायब तहसीलदार सदर पवन कुमार को नियुक्त किया था। इनके नेतृत्व में बुधवार को जिला समाज कल्याण कार्यालय पहुंची टीम ने बंद ताला खोला गया। मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि अभिलेखों के मिलान का कार्य शुरू करा दिया गया है।