अब जन्म के समय से खोजे जाएंगे कुष्ठ व क्षय रोग
जागरण संवाददाता औरैया जन्म के समय बीमारियों की खोज में कुष्ठ व क्षय रोग की खोज भी की जाए
जागरण संवाददाता, औरैया: जन्म के समय बीमारियों की खोज में कुष्ठ व क्षय रोग की खोज भी की जाएगी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत इनकी स्क्रीनिग होगी। मरीजों को चिह्नित कर संबंधित विभाग को सूचना दी जाएगी। इससे पहले 38 बीमारियों की स्क्रीनिग की जाती थी। जिसका बाल रोग विशेषज्ञ उपचार करते थे।
जन्म के समय ही इन बीमारियों की स्क्रीनिग हो जाने से बच्चों की बीमारियों पर रोक लग सकेगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश के मिशन निदेशक पंकज कुमार ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा है। उनके आदेश के अनुसार आरबीएसके मोबाइल टीम गांव-गांव जाकर टीबी व कुष्ठ रोग की अतिरिक्त स्क्रीनिग करेगी। जन्म के समय कटे होंठ या तालू, दिमागी फोड़ा या फिर बहरापन समेत 38 बीमारियों की स्क्रीनिग होती थी। अब प्रसव कक्ष में तैनात कर्मचारी शिशु के जन्म लेते ही ये सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें इन बीमारियों के अलावा कुष्ठ व क्षय रोग तो नहीं है।
जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक अजय ने बताया की जनपद के सात ब्लॉक में दो-दो यानी कुल 14 टीम सक्रिय हैं। शासन के निर्देश के अनुसार महीने के तीसरे सप्ताह में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की 14 मोबाइल हेल्थ टीम के सदस्यों को जिला कुष्ठ रोग अधिकारी और जिला क्षयरोग अधिकारी प्रशिक्षण देंगे। आरबीएसके टीम की मदद से बच्चों को शरीर की सफाई रखने, अच्छा भोजन खाने, आयरन फोलिक एसिड की गोलियां लेने व मच्छरों से बचने के लिए जागरूक किया जाएगा। यह होंगे इंतजाम
शिशु के जन्म के समय ही संबंधित स्टॉफ नवजात का परीक्षण करेगा। अगर उसमें कोई दोष मिलता है तो उसकी अलग इंट्री की जाएगी। 24 घंटे के भीतर बाल रोग विशेषज्ञ को बुलाकर उसका परीक्षण कराया जाएगा। बाल रोग विशेषज्ञ शिशु के सेहत की जांच करके अभिभावक को बताएंगे।
मोबाइल हेल्थ टीम के माध्यम से इलाज का प्रबंध किया जाएगा।
कार्यक्रम प्रबंधक प्रतिदिन भ्रमण करके ऐसे बच्चों के बारे में जानकारी करेंगे।