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ध्यान दें कहीं बदरंग न कर दे केमिकलयुक्त रंग

जागरण संवाददाता औरैया शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में होली माहौल छाने लगा है। रंगों क

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Mar 2019 10:56 PM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 10:56 PM (IST)
ध्यान दें कहीं बदरंग न कर दे केमिकलयुक्त रंग
ध्यान दें कहीं बदरंग न कर दे केमिकलयुक्त रंग

जागरण संवाददाता, औरैया : शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में होली माहौल छाने लगा है। रंगों की दुकानें सजने लगी हैं। ऐसा हो भी क्यों न, होली खुशियों भरे रंगों का उत्सव है। लेकिन ध्यान रहे, होली में खूब मस्ती करें पर केमिकल रंगों से होलिकोत्सव के उल्लास को बदरंग कतई न होने दें। हानिकारक रसायनों से युक्त गहरे रंग बीमारियों का कारण बनते हैं। आंखों की रोशनी, त्वचा सहित अन्य पर घातक प्रभाव पड़ता है।

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होली के त्योहार का पूरे साल बेसब्री से इंतजार होता है। नए-नए कपड़े पहनने, तरह-तरह के पकवान का स्वाद लेने की खुशी तो होती ही है। सतरंगी इंद्रधनुष बनाते रंग और गुलाल खेलने की उमंग भी त्योहार को खास बनाती है। शहर की मंडी में रंगों का बड़ा व्यापार होता है। रासायनिक रंग कानपुर के बाजार व अन्य शहरों से आते हैं।

60 रुपये तोला बिक रहा स्टार्च

रसायन युक्त स्टार्च रंग 60 रुपये तोला बिक रहा है। दस ग्राम की डिब्बी और पैकेट में इसे दुकानों पर बेंचा जा रहा है। फुटपाथ पर लगी दुकानों पर इसकी बिक्री की जा रही है। कुछ परचून की दुकानदार में खुला हुआ लाल, हरा, बैगनी व चमकीला रंग बेंच रहे हैं। चटक रंगों के नाम पर इन्हें बेंचा जा रहा है। केमिकल रंगों का नुकसान

हरा रंग : इस रंग में कापर सल्फेट होता है, जिसके कारण आंखों में एलर्जी व अंधापन का खतरा बढ़ जाता है। इसे छुटाते समय त्वचा में जलन हो सकती है।

लाल रंग : इस रंग में मरक्यूरिक आक्साइड होता है। इससे त्वचा संबंधी रोग होता है, कैंसर का खतरा भी रहता है। इसमें मिली बालू भी नुकसान पहुंचाती है।

बैगनी रंग : इसमें क्रोमियम आयोडाइड पाया जाता है। त्वचा की एलर्जी व जलन बढ़ती है।

सिल्वर रंग : एल्यूमीनियम ब्रोमाइड होता है। इससे भी त्वचा कैंसर का खतरा होता है।

काला रंग : इस रंग में लेड भी मिला होता है, जो गुर्दों को नुकसान पहुंचाता है।

पीला रंग : इसमें ओरमिन पाया जाता है, घातक तरीके की एलर्जी की संभावना बढ़ती है।

चमकीला रंग : चमकीले रंग में सीसे का भी प्रयोग किया जाता है। यह भी त्वचा के लिए हानिकारक है।

यह बरतें सावधानियां :

- केमिकल रंगों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। यदि आंखों में रंग चला जाए तो आंखें पानी से धोकर गुलाब जल डालना चाहिए। आंखों के आसपास मुलतानी मिट्टी का लेप भी लगाया जा सकता है। - डॉ. रामजी लाल, ईएनटी सर्जन - रासायनिक रंगों से बचना चाहिए। इससे स्किन एलर्जी, खुजली, त्वचा का रंग लाल, चकत्ते पड़ सकते हैं। त्वचा में इनके प्रभाव को कम करने के लिए जरूरी है कि हाथों पैरों में सरसों का तेल, नारियल तेल पहले से ही लगा लें। त्वचा में जलन होने पर साफ पानी से नहा लें। इसके बाद एलोबेरा या कैलामाइन लोशन लगा सकते हैं। ज्यादा जलन होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। होली पर हर्बल रंगों का इस्तेमाल करें। - डॉ. अमित पोरवाल


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