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शौचालय बने नहीं, लोगों के खातों से निकल गए रुपये

संवाद सूत्र, ककोर: शासन की मंशा है कि जिले के सभी गांवों में हर घर में शौचालय निर्माण क

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 11:06 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 11:06 PM (IST)
शौचालय बने नहीं, लोगों के खातों से निकल गए रुपये
शौचालय बने नहीं, लोगों के खातों से निकल गए रुपये

संवाद सूत्र, ककोर: शासन की मंशा है कि जिले के सभी गांवों में हर घर में शौचालय निर्माण कराया जाये जिससे शीघ्र ही ओडीएफ किया जा सके। लेकिन अछल्दा ब्लाक के ग्राम दलीपपुर में एक सैकड़ा से अधिक लोगों को आवास और राशनकार्ड नहीं मिला है।लेकिन कागजों पर शौचालय के आए रुपये प्रधान ने बिना बताए निकाल भी लिए हैं। जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने डीएम से की है।

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बुधवार को एक सैकड़ा लोगों ने डीएम को दिए प्रार्थनापत्र में बताया कि ग्राम दलीपपुर में 198 लोगों के शौचालय लिस्ट में शामिल हैं। जबकि केवल 15 लोगों को ही शौचालय दिए गए। बाकी सभी लोगों के रुपये बिना बताए ही निकाल लिए गए हैं। जो शौचालय दिए गए हैं वह भी अधूरे बने हैं। वहीं गांव में गरीब लोगों को रहने के लिए आवास भी नहीं है। कच्चे व फूस के मकानों में गुजर बसर कर रहे हैं। प्रधान द्वारा किसी को आवास नहीं मिला है। राशनकार्ड भी काट दिए गए हैं।

वहीं गांव में ईश्वरी डीलर के दरवाजे से श्याम बाबू के दरवाजे तक सड़क पर कीचड़ भरा हुआ है जिससे मन्दिर जाने का रास्ता भी बंद हो गया है। इस दौरान शान्ती, रानी देवी, रामबेटी, ममता, भूरी देवी, छोटी विट्टी, सावित्री, प्रेम कुमारी, रेशमा देवी, अनीता देवी, शीला देवी समेत एक सैकड़ा लोग मौजूद रहे। जिलाधिकारी श्रीकांत मिश्रा ने प्रार्थनापत्र लेकर जांच करने के बाद कार्रवाई का आदेश दिया है। आवास दिलाए जाने की मांग

ककोर: औरैया कोतवाली क्षेत्र के गांव कादलपुर निवासी आधा दर्जन लोगों ने मुख्यालय पहुंच कर आवास दिलाए जाने की मांग करते हुए डीएम को प्रार्थनापत्र दिया है। वहीं प्रधान द्वारा अपात्रों को दिए गए शौचालय और आवास की जांच किए जाने की मांग की है।

कादलपुर निवासी फूलकली, सतेन्द्र ¨सह, प्रेम ¨सह, श्रीकृष्ण, शिवबीर, आशा देवी, पूनम आदि ने डीएम को दिए प्रार्थनापत्र में बताया कि उसके गांव में प्रधान द्वारा अपात्रों को आवास व शौचालय दे दिए गए हैं जबकि वह लोग गरीब परिवार से हैं पात्रता सूची में नाम भी है। झोपड़ियों में निवास करने को मजबूर हैं लेकिन अनेकों बार प्रधान व सचिव से फरियाद की फिर भी आवास नहीं दिया गया है।


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