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न मैदान न पार्क, यहां कैसे खेलेगा रुरुगंज

संवादसूत्र, रुरुगंज(औरैया) : अभी हाल ही में केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन ¨सह राठौर ने खेल को बढ

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 05:35 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 05:35 PM (IST)
न मैदान न पार्क, यहां कैसे खेलेगा रुरुगंज
न मैदान न पार्क, यहां कैसे खेलेगा रुरुगंज

संवादसूत्र, रुरुगंज(औरैया) : अभी हाल ही में केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन ¨सह राठौर ने खेल को बढ़ावा देने के लिए एक वीडियो जारी करते हुए लोगों से खेलते हुए वीडियो बनाकर भेजने की अपील की थी। लेकिन कस्बा रुरुगंज व उसके आसपास क्षेत्र में एक भी खेल मैदान व मनोरंजन पार्क न होने से ग्रामीण प्रतिभाएं निखर के सामने नहीं आ पा रही हैं। जबकि इसको लेकर जनपद स्तरीय अधिकारी से लेकर शासन स्तर पर पत्र लिखा जा चुका है। लेकिन अभी तक इन पर कोई अमल नहीं किया गया। जिससे युवाओं और छात्र-छात्राओं की प्रतिभाएं नहीं निखर पा रही हैं।

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खेलो इंडिया पांच मिनट और के तहत केंद्र सरकार ने लोगों से इस अभियान में जुड़ने की अपील की थी। जनपद भर में कई ऐसे युवा हैं। जो इसके तहत अपनी प्रतिभा को निखारना चाहते हैं। लेकिन उनके आस-पास समुचित मैदान व पार्क सहित खेल विशेषज्ञ न होने से उनकी प्रतिभा को पंख नहीं लग पा रहे हैं। बिधूना तहसील के कस्बा रुरुगंज के लोगों ने कई बार मुख्यमंत्री, खेलमंत्री समेत उच्चाधिकारियों को लिखित प्रार्थना पत्र देकर खेलकूद का मैदान बनवाए जाने की मांग की है। पार्क के अभाव में बच्चे सड़कों पर क्रिकेट, बैड¨मटन, खो-खो आदि खेल खेलते नजर आते हैं। सड़कों पर खेलने से कभी-कभी वाहनों की चपेट में आने से दुर्घटना हो जाती है। खेलकूद का मैदान न होने से खेल प्रतिभाओं को प्रतिभा दिखाने का मौका न मिल पाता है। पिछले कई वर्षो से प्रदेश में तैनात सरकार के जनप्रतिनिधि द्वारा किसी भी तरह का खेल मैदान न बनवाए जाने से लोगों ने राजनैतिक दलों के प्रति नाराजगी जाहिर की है। दो युवाओं ने प्रदेश स्तर पर जीता है स्वर्ण पदक

कस्बा निवासी कपिल पोरवाल ने शार्टपुट में व गांव उड़ेलापुर निवासी संजीव दिवाकर ने पोल वाल्ट में पिछले वर्ष प्रदेश स्तर पर स्वर्ण पदक जीत कर क्षेत्र का नाम रोशन किया था। आगे सुविधाएं न मिल पाने के कारण ये दोनों प्रतिभाएं भी निखर नहीं पा रही हैं। जिसके चलते लोगों में कहीं न कहीं रोष है। क्या कहते हैं जिम्मेदार

जनपद में एक खेल मैदान की स्वीकृति जल्द ही मिल सकती है। इसके अलावा खेल मैदानों के लिए शासन को लगातार पत्र के माध्यम से अवगत कराया जा रहा है। - प्रदीप चौहान, जिला खेल अधिकारी


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