महामारी का डर नहीं, यातायात नियम ताक पर
जागरण संवाददाता औरैया त्रैमासिक द्वितीय सड़क सुरक्षा सप्ताह यानि मार्ग दुर्घटनाओं को रोकने
जागरण संवाददाता, औरैया: त्रैमासिक द्वितीय सड़क सुरक्षा सप्ताह यानि मार्ग दुर्घटनाओं को रोकने का अभियान चल रहा है। परिवहन विभाग की प्राथमिकता वाला यह अभियान महज सीट बेल्ट, डीएल, हेलमेट बताने तक सीमित रह गया है। पुलिस विभाग द्वारा बिना मास्क वाले लोगों के खूब चालान काटे जा चुके हैं फिर भी लोग बिना मास्क व हेलमेट के घर से निकल रहे हैं। सड़कों पर तीन सवारी चौराहों से गुजरती देखी जा सकती हैं। अभियान में चालकों की सेहत की तरफ ध्यान किसी का नहीं जा रहा है। कहने भर के लिए परिवहन विभाग स्वास्थ्य शिविर लगवाता है। ऐसे में अनफिट चालक खुद के साथ दूसरों की जान खतरे में डाल रहे हैं।
गुरुवार को सड़क सुरक्षा के नियमों के पालन को लेकर पड़ताल की गई तो पाया गया कि लोग कोतवाली के सामने से बिना मास्क और मोबाइल पर बात करते हुए गुजर रहे हैं। वहीं सुभाष चौराहे पर बाइक सवार बिना हेलमेट और कार सवार लोग बिना सीट बेल्ट के बेधड़क गुजर रहे हैं। जिले में सड़क परिवहन के लिए रोडवेज के अलावा अन्य साधन भी हैं। किसी रूट पर बड़ी बस तो किसी में मिनी बस चलती हैं। ग्रामीण मार्गों में टेंपो और अन्य सवारी वाहनों की भरमार है। वहीं शहर में आटो और ई-रिक्शा, जुगाड़ गाड़ी भी कम नहीं है। इनमें तमाम वाहन चालक पचास साल की उम्र पार कर चुके हैं। बढ़ती उम्र के साथ बीमारियां भी घेर लेती हैं। ऐसे में इन्हे समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण की बेहद आवश्यकता होती है। परिवहन विभाग इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा है। बहुत से चालकों की आंख की रोशनी कमजोर हो जाती है, फिर भी वह वाहनों से फर्राटा भरते रहते हैं।
अभियान के नाम पर होती खानापूरी
सड़क सुरक्षा सप्ताह के मौके पर स्वास्थ्य व अन्य परीक्षण महज खानापूरी तक सीमित रह गए हैं। अधिकारी फोटो खिचाकर विभाग को सूचना भेजकर ही अपनी जिम्मेदारी पूरी समझ लेते हैं।
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सड़क सुरक्षा सप्ताह अभियान चल रहा है जिसके तहत कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जो लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं उनको यातायात नियमों के पालन के लिए जागरूक किया जा रहा है।
रेहाना बानो, यात्रीकर अधिकारी