न हुई रामलीला न मरेगा रावण, कंघा बाल्टी बेच रहे कलाकार
संवादसूत्र दिबियापुर औद्योगिक नगरी दिबियापुर में कभी 15 दिन तक रामलीला का आयोजन चलता था। दू
संवादसूत्र, दिबियापुर: औद्योगिक नगरी दिबियापुर में कभी 15 दिन तक रामलीला का आयोजन चलता था। दूर दराज से लोग इसे देखने आते थे। दशहरा में विशाल मेला लगता था और रावण का पुतला दहन होता था। यह सब अब यहां के लिए गुजरे जमाने की बात हो गई है। न परशुराम का क्रोध न रावण की गर्जना यह सब नई पीढ़ी भूलती जा रही है। कलाकार भी काम न मिलने से या तो बाहर चले गए या फिर कस्बे में ही कंघा व बाल्टी बेच रहे हैं। रावण पुतला दहन का भी कार्यक्रम नहीं होगा। इससे लोगों को निराशा हुई है।
दो दशक पहले रेलवे ग्राउंड में 15 दिवसीय रामलीला का आयोजन होता था। जिले की बड़ी रामलीला के आयोजन में शुमार था। आस पास के तमाम गांव कस्बे के लोग रामलीला का मंचन देखने आते थे। कई नामचीन कलाकार मंचन करते थे। सुबह तक भीड़ डटी रहती थी। धीरे-धीरे रामलीला राजनीति का शिकार हो गई। इसके बाद चेयरमैन व विधायक रहे शेखर तिवारी ने इस आयोजन को आगे बढ़ाया और कुछ साल लगातार आयोजन हुए। वह इंजीनियर हत्याकांड में जेल गए तो आयोजन ठप हो गया।
कुछ सामाजिक लोग दो दिवसीय या चार दिवसीय रामलीला का आयोजन करा रावण दहन कराने लगे। पिछली बार नगर पंचायत ने रामलीला और पुतला दहन का कार्यक्रम किया।
इस बार इस आयोजन को ग्रहण लग गया। कोई भी सामाजिक संगठन आगे नहीं आया और नगर में रामलीला नहीं हो सकी जिस का मलाल क्षेत्र गांव के लोगों को बहुत है। कस्बा और क्षेत्र में कई कलाकार भी कस्बा में होने वाली रामलीला का इंतजार करते थे। कलाकारों का काम भी छिन गया। बाणासुर का रोल करने वाले महेश भयंकर अब कंघा सीसा बेचते फिर रहे हैं। रावण का रोल करने वाले उदय तिवारी ने प्लास्टिक ने सामान की दुकान कर ली है। दशहरा के दिन पुतला दहन भी नहीं होगा और न मेला लगेगा।