मिलवाट का दौर शुरू, अब तक लिए महज दो नमूने
जागरण संवाददाता औरैया दीपावली के त्योहार पर मिलावट का बाजार गर्म हो गया है। दशहरा स
जागरण संवाददाता, औरैया: दीपावली के त्योहार पर मिलावट का बाजार गर्म हो गया है। दशहरा से पहले मिलावटखोरों ने जिले भर में धंधा तेज कर दिया था। खाद्य सुरक्षा विभाग अब तक शांत बैठा रहा। गुरुवार को महज दो नूमूने भरकर कार्रवाई शुरू की गई।
बीते साल दीपावली पर 19 नमूने लिए गए थे जिसमें 12 नमूने फेल हो गए थे। इस बार गुरुवार को नमूने लेने की शुरुआत की गई। मिठाई, खोवा के नमूने लेने तक अभियान सिमटकर रह गया। किराना की दुकान पर भी कई वस्तुओं में जमकर मिलावट हो रही है। उस पर विभाग बहुत ही कम ध्यान देता है। गुरुवार को अभिहीत अधिकारी एसके श्रीवास्तव ने अपनी टीम माताशंकर बिद, सुनील कुमार सिंह व दिनेश चंद्र के साथ जेसीज चौराहा स्थित पोरवाल स्वीट हाउस से वर्क लगी बर्फी का नमूना व बनारसीदास मोहल्ले में शिवानी स्वीट हाउस से वर्क युक्त बर्फी का नमूना संग्रहित किया है।
विभाग के भरोसे न रहे ऐसे करें घर पर जांच
खोया पानी में घोलने पर नकली खोया टुकड़ों में बट जाता हैं। असली खोया पानी में घुल जाता है।
इसके अलावा घरेलू साधनों से मिठाई की शुद्धता का पता नहीं किया जा सकता। इसके लिए मिठाई पर टिचर आयोडिन की 5-7 बूंदे डाल कर देखें। यदि रंग नीला हो जाएं तो मिलावट है। दूसरा तरीका यह है कि मिठाई पर हाइड्रोक्लोरिक एसिड की 5-6 बूंदें डालें। यदि रंग लाल हो जाएं तो मिलावट है। पनीर पनीर का एक छोटा सा टुकड़ा हाथ में लेकर उसे मसल कर देखिए। यदि यह टुकड़ा बिखर जाता हैं तो समझ जाइए कि पनीर में मिलावट की गई हैं। पनीर में जो केमिकल मिलाया जाता हैं वो दबाव सहन नहीं कर पाता इस कारण पनीर टूट जाता हैं।
चांदी के वर्क में एल्युमिनियम की मिलावट की जाती हैं। यदि चांदी के वर्क को जलाने पर वह उतनी ही मात्रा में छोटी सी गेंद के रूप में परिवर्तित हो जाती हैं तो वह असली है। यदि मिलावटी है तो जलाने पर गहरे ग्रे रंग का अवशेष बचेगा। असली चांदी का वर्क एकदम पतला होता है। नकली चांदी का वर्क थोड़ा मोटा होता हैं। किसी भी मिठाई पर लगा चांदी का वर्क उंगलियों पर लेकर मसलिए। यदि यह हाथ पर नहीं चिपकता और गायब हो जाता है तो यह असली होता हैं।
एक छोटी चम्मच चावल एक ग्लास पानी में डालकर थोड़ी देर चलाइए। थोड़ी देर बाद यदि चावल पानी की सतह पर तैरने लगे तो समझ जाइए कि वो पूरी तरह नकली यानी प्लास्टिक से बना हैं। असली चावल पानी में डूब जाएगा।