उजड़े आशियानों में बसने लगी जिंदगी
संवाद सहयोगी अजीतमल यमुना में बाढ़ के कहर के कारण सैकड़ों लोगों के घर उजड़ गए हैं।
संवाद सहयोगी, अजीतमल: यमुना में बाढ़ के कहर के कारण सैकड़ों लोगों के घर उजड़ गए हैं। जल स्तर कम होने के बाद धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है। लेकिन बाढ़ में फसल चौपट होने से लोगों के सामने भारी संकट खड़ा हो गया है। उनको इस संकट से बचाने के लिए कई मददगारों ने हाथ आगे बढ़ाए हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष दीपू सिंह ने कई गांवों का दौरा कर बाढ़ पीड़ितों को लाखों रुपये की सहायता राशि के साथ कपड़े बांटे। प्रशासन भी अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में जुटा है।
बाढ़ के बाद खेती के साथ सैकड़ों लोगों के घर तक तबाह हो गए हैं। उनके सामने भोजन तक का संकट है। ऐसे में कुछ मददगारों ने अपने हाथ आगे बढ़ाकर उनकी मदद का प्रयास किया है। पानी घटने व रास्ता खुलने से पीड़तों को दैनिक उपयोग की वस्तुएं पहुंचाई जा रही हैं। गलियों में फैली गंदगी साफ कराई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम संक्रमण से बचाव के लिए दवा का छिड़काव करने में लगी हैं। राजस्व कर्मचारी नुकसान के आकलन में जुटे हैं। वह फसलों, आवास व इज्जतघरों आदि के नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। घरों की चटकी दीवारें देखकर लोग अभी भी इनमें रहने से डर रहे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष दीपू सिंह बाढ़ पीड़ित गांवों में लोगों को दैनिक उपभोग की वस्तुओं के साथ कपड़े व आर्थिक सहायता मुहैया कराई। उन्होंने बडै़रा व सिकरोड़ी में हर पीड़ित परिवार को दो-दो हजार रुपये, महिलाओं को साड़ी, फल आदि भेंट किए। वह हर आपदा में प्रशासन से पहले लोगों की मदद को खड़े रहते हैं। उपजिलाधिकारी राशिद अली खान ने बताया कि संबंधित विभागों के कर्मचारी नुकसान का आकलन कर रहे हैं। शीघ्र ही सूची शासन को भेज दी जाएगी। पीड़ितों को मिलने वाली आर्थिक मदद सीधे उनके खातों में स्थानांतरित कर दी जाएगी।