जिंदगी की गाड़ी कोरोना की दूसरी लहर में लड़खड़ाई
जागरण संवाददाता औरैया जैसे-तैसे पटरी पर लौटी जिदंगी की गाड़ी कोरोना की दूसरी लहर म
जागरण संवाददाता, औरैया: जैसे-तैसे पटरी पर लौटी जिदंगी की गाड़ी कोरोना की दूसरी लहर में एक बार फिर लड़खड़ाने लगी है। कोरोना की पहली लहर में जो-जो दंश झेलने को मिला, उसे शायद ही कोई भूला हो। लॉकडाउन का हटा 'ग्रहण' एक बार फिर लग गया है। जेहन में इसी दर्द के साथ दिल्ली से लौट रहे प्रवासियों के चेहरे पर उदासी है। मंगलवार को रोडवेज, रेलवे स्टेशन पर प्रवासी दिखे लेकिन परेशान। उनके सामने सबसे बड़ी समस्या उन्हें मंजिल तक पहुंचाने के लिए पर्याप्त संसाधनों की रही। ऐसे में कुछ प्रवासियों ने बयां किया अपना दर्द और बताई कोरोना से हुए लॉकडाउन से मिलने वाली तकलीफें। ज्यादातर प्रवासियों का कहना था कि वह कोरोना की पहली लहर नहीं भूले हैं। सब ठीक रहा तो वह लौटेंगे। दिल्ली में अपनी बहन के यहां पिछले पखवारे गया था। घूमना भी हो जाएगा, साथ ही कोई काम मिल गया तो करूंगा। लेकिन लॉक डाउन की वजह से घर वापस कानपुर लौटना पड़ा। पता नहीं आगे कैसी स्थितियां बन जाएं।
- कपिल
नोएडा में रहकर गार्ड की ड्यूटी कर रहा हूं। दिल्ली में लॉक डाउन लगने से घर वापस आ गया। कहीं स्थिति और ज्यादा न बिगड़ जाए। कम से कम अपने परिवार के साथ रहकर इस आपदा का सामना करेंगे।
- परशुराम
आगरा में ताजमहल पर ड्यूटी करती हूं। लेकिन यहां पर आवागमन लोगों का बंद कर दिया गया। जिसकी वजह से वह वापस कानपुर जा रही हैं। स्थितियां बहुत खराब हैं। आगरा से औरैया तक आने में तीन बसें बदलनी पड़ीं। रास्ते में बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा।
- ममता