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विकास को तरस रहा लक्ष्मण की मड़ैया

संवाद सूत्र, अटसू: ब्लॉक अजीतमल क्षेत्र के ग्राम पंचायत भीखेपुर का मजरा लक्ष्मण की मड़ैया हाईवे

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Jan 2019 11:08 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jan 2019 11:08 PM (IST)
विकास को तरस रहा लक्ष्मण की मड़ैया
विकास को तरस रहा लक्ष्मण की मड़ैया

संवाद सूत्र, अटसू: ब्लॉक अजीतमल क्षेत्र के ग्राम पंचायत भीखेपुर का मजरा लक्ष्मण की मड़ैया हाईवे और मुगल रोड दोनों से मिलने को तरस रहा है। मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजना में चयनित ग्राम पंचायत के मजरे की गलियों में गंदा पानी बजबजा रहा है। तो कहीं शौचालय की किस्तों के लिए लोग ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी से लेकर आला अधिकारियों तक चक्कर काट रहे हैं। वहीं परिषदीय विद्यालय के आसपास बजबजाता गंदा पानी संक्रमित बीमारियों को दावत देता नजर आ रहा है। बता दें कि बीते दिनों चौपाल में आये जिलाधिकारी श्रीकान्त मिश्रा ने अधीनस्थों को भी इसके विकास के लिये विशेष ध्यान देने के आदेश अधीनस्थों को दिये थे।

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-गांव के कौस्तम गौतम ने बताया कि गांव में सबसे बड़ी समस्या सफाई की है। कौन सफाई कर्मचारी है, इसका पता ही नहीं है। आज तक आया ही नहीं है। कुछ गलियों को छोड़कर गांव की गलियां कच्ची हैं। -ओमवती बताती हैं कि शौचालय बनकर तैयार हो गया। एक किस्त मिल गई। दूसरी किस्त के छह हजार रुपये देने के लिये ग्राम प्रधान सुविधा शुल्क मांग रहे हैं। गरीब हूं अब कहां से पैसे दूं। -रीना पत्नी मनोज कुमार का कहना कि गली में पानी भरा है। परिषदीय विद्यालय भी पास में है। गंदे पानी के बजबजाने से संक्रमित बीमारियां फैलने का खतरा भी है। साथ ही विद्यालय में आने वाले बच्चो को भी बीमारी की चपेट में आने का खतरा मंडराता रहता है। -ग्राम पंचायत सदस्य सत्यवती बताती हैं कि उनके घर के सामने की गली बनने आई थी। मैटेरियल भी आ चुका था। ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी की मनमानी और तानाशाही से खराब मैटेरियल का विरोध करने पर मैटेरियल ही उठा ले गये। अभी तक गली निर्माण नहीं हो सका। -रामशीला पत्नी श्रीपति बताती हैं कि वह दिव्यांग हैं। चलने फिरने में असमर्थ हैं। कई बार विकलांग पेंशन के लिये ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी से कह चुकी हैं। कोई नहीं सुन रहा है। -ग्राम पंचायत अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन करने के बाद पेंशन दिलाने की कार्रवाई होती है। सफाई कर्मचारी ताराचन्द्र है। उसे जाना चाहिये, देखते हैं। सप्ताह में एक बार भेजने की कोशिश की जायेगी। पूरी पंचायत में एक ही सफाई कर्मचारी होने से सफाई व्यवस्था नहीं है। वहीं कच्ची गलियों के बारे मे उन्होंने बताया कि अभी बजट नहीं आया है। बजट आने के बाद गलियों का निर्माण कराया जाएगा।


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