क्षीर सागर नहीं यहां चार वर्ष से गोबर पर विराजे भगवान विष्णु
जागरण संवाददाता औरैया सर्व विदित है कि भगवान विष्णु क्षीर सागर में निवास करते हैं लेकिन प
जागरण संवाददाता, औरैया: सर्व विदित है कि भगवान विष्णु क्षीर सागर में निवास करते हैं, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते कुदरकोट के पास हिगवा गांव में चार साल पहले खोदाई में निकली एक हजार वर्ष पुरानी भगवान विष्णु की प्रतिमा आज तक खेत में गोबर के ढेर के पास रखी है। खुदाई में एक स्तंभ भी निकला था। जिसमें गुरु गोरखनाथ की आकृति छपी है। वह भी इसी प्रतिमा के पास पड़ा है।
कुदरकोट कस्बे के निकट हिगवा गांव में स्थित एक टीले में कुछ ग्रामीण चार वर्ष पूर्व खोदाई कर रहे थे। इस दौरान भगवान विष्णु की मूर्ति व एक स्तंभ निकला था। स्तंभ में गुरु गोरखनाथ की प्रतिमा उभरी है। ग्रामीणों ने और खोदाई की तो मंदिर का नक्काशी युक्त मेहराव निकला। सूचना पर प्रशासन पहुंचा और खोदाई रुकवा दी थी। प्रतिमा व मेहराव को वहीं खेतों पर रखवा दिया था। प्रशासन की लापरवाही के कारण तब से अब तक पालनहार भगवान विष्णु की मूर्ति व स्तंभ वहीं खेतों पर गोबर के ढेर के पास रखा है। भगवान विष्णु की प्रतिमा जिस खेत पर रखी है वहां आस पास गोबर के कंडों का ढेर लगा है। मूर्तियों को देखकर लगता है कि जैसे वहां पर प्राचीनतम विष्णु मंदिर रहा होगा। पुरातत्व विभाग इस मूर्ति को दसवीं शताब्दी का बता रहा है।
खास है मूर्ति
पुरातत्व संग्रहालय कन्नौज के अध्यक्ष दीपक कुमार का कहना है कि विष्णु भगवान की यह प्रतिमा बहुत खास है। इसकी नक्काशी अद्भाुत है। इस तरह की नक्काशी की मूर्तियां किसी छोटे मंदिर में नहीं हो सकतीं। वहां पर विष्णु भगवान का विशाल मंदिर होगा।
जिले में बने संग्रहालय
अविनाश अग्निहोत्री का कहना है कि जिले का इतिहास बहुत प्राचीन है। इसलिए जिले में एक संग्रहालय बनना चाहिए। जिससे यहां के निवासी अपने प्राचीनतम इतिहास को जान सकें। इस तरह से तो जिले की प्राचीनता खत्म होती जा रही है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
मामले की जानकारी नहीं है। मुझे यह भी पता नहीं कि पुरातत्व वाले कहां बैठते हैं। दिखवाते हैं कि क्या हो सकता है।
अभिषेक मीणा, डीएम