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ट्रेजरी अधिकारी को सौंपी वित्तीय मामले की जांच, दस्तावेज तलब

जागरण संवाददाता औरैया वित्तीय अनियमितता व मानकों के विपरीत नगर पालिका परिषद में हुई निय

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Oct 2021 11:00 PM (IST)Updated: Sun, 10 Oct 2021 11:00 PM (IST)
ट्रेजरी अधिकारी को सौंपी वित्तीय मामले की जांच, दस्तावेज तलब
ट्रेजरी अधिकारी को सौंपी वित्तीय मामले की जांच, दस्तावेज तलब

जागरण संवाददाता, औरैया: वित्तीय अनियमितता व मानकों के विपरीत नगर पालिका परिषद में हुई नियुक्तियों की जांच प्रशासन ने आगे बढ़ाई है। शासन के दखल देने के बाद ट्रेजरी अधिकारी को वित्तीय मामलों की जांच के आदेश हुए हैं। पूर्व व वर्तमान चेयरमैन से पूछताछ किए जाने की तैयारी है। इसके अलावा आरोपों के आधार पर अधिशासी अधिकारी से अभिलेख मांगते हुए उन्हें तलब कर लिया गया है। एक सप्ताह में आख्या के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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पांच सितंबर को प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश जल निगम नोडल अधिकारी अनिल कुमार ने औरैया शहर के वार्डों का दौरा किया था। उनसे कुछ सभासद व स्थानीय लोगों ने नगर पालिका परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत की गई थी। सरकारी धन का दुरुपयोग किए जाने के गंभीर आरोप लगे। इस मामले में नोडल अधिकारी के आदेश पर जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा की ओर से पालिका प्रशासन के ऊपर लगे आरोपों की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति गठित की गई। अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग के अलावा इस समिति में उप जिलाधिकारी औरैया, उपायुक्त वाणिज्यकर आदि को शामिल किया गया। लगे आरोपों के बिदुओं में सुभाष चौक में एक प्राइवेट बैंक के बगल में नगर पालिका की ओर से बिना बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित करा सरकारी धन से दुकानों का निर्माण कराया गया। इसके अलावा अन्य दुकानों के दाखिल-खारिज व निर्माण की अनुमति में नियमों की अनदेखी कर निर्माण कराने के आरोप। नगर पालिका परिषद की ओर से 24 लाख 46 हजार रुपये का दुरुपयोग करने के साथ ही नगर में 50 करोड़ की लागत से पेयजल आपूर्ति के लिए बिछाई गई पाइप लाइन को गलत तरीके से हस्तांतरण करने व टेंडर प्रक्रिया में भी नियमों को ताक पर रखने का आरोप लगा। यही नहीं बिना सफाई व्यवस्था व प्रकाश व्यवस्था आदि के सामान की खरीद करने की शिकायत शामिल है। यही नहीं, नगर पालिका में कार्यरत कर्मचारियों में नागेश व हेमंत की नियुक्ति और समायोजन को गलत ठहराया गया। इस पूरे प्रकरण को देखते हुए दोनों कर्मचारियों को निर्वाचन कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया ताकि जांच प्रभावित न हो। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व रेखा एस चौहान का कहना है कि वित्तीय अनियमितता से जुड़ी फाइलों की जांच ट्रेजरी अधिकारी कर रहे हैं। अधिशासी अधिकारी बलवीर सिंह से कुछ दस्तावेज तलब किए गए हैं।


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