झोलाछापों के सामने बेवस जिला प्रशासन
संवाद सूत्र, बेला (औरैया) : झोलाछाप जनपद भर में मौत के सौदागर बनते जा रहे है। जिला प्रशासन
संवाद सूत्र, बेला (औरैया) : झोलाछाप जनपद भर में मौत के सौदागर बनते जा रहे है। जिला प्रशासन महज खानापूर्ति कर मामले से पल्ला झाड़ लेता है। अभी तक किसी भी झोलाछाप के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इससे बेला में नोटिस जारी होने के बाद भी एक झोलाछाप नर्सिंग होम चला रहा है। यही हालत औरैया शहर का है। गत दिनों एसडीएम व ड्रग इंस्पेक्टर ने एक नर्सिंग होम पर जांच की थी तो वहां गंभीर अनियमितता मिलने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
मौत के सौदागर बनते जा रहे झोलाछापों के विरुद्ध जागरण ने समाचारीय अभियान चलाया था। इसके बाद हरकत में आए उपजिलाधिकारी बिधूना प्रवेन्द्र कुमार ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिधूना के प्रभारी डा. वीपी शाक्या के साथ कस्बा बेला में मेडिकल स्टोर के लाइसेंस पर चल रहे एक नर्सिंग होम में जांच की थी। लेकिन वहां उन्हें न तो नर्सिंग होम का लाइसेंस दिखाया गया था और न ही कोई डाक्टरी संबंधी डिग्री दिखाई गई थी। इस पर उन्होंने नोटिस जारी किया था। इसके अलावा कस्बा बेला के लगभग आधा दर्जन झोलाछापों को भी नोटिस जारी किए गए थे। कथित नर्सिंग होम के मेडिकल स्टोर पर ड्रग इंस्पेक्टर सुनील रावत ने भी छापा मारकर चार दवाओं के नमूने भरे थे। निरीक्षण के दौरान औषधि निरीक्षक को भारी मात्रा में क्षय रोग से संबंधित दवाएं भी मिली थीं, जिनका रिकॉर्ड संचालक के पास मौजूद नहीं था। इस कार्रवाई के बाद झोलाछापों में कुछ दिन बेचैनी रही। इसके चलते झोलाछापों ने मरीजो को ड्रिप लगाना बंद कर घर पर ही सेवा देना शुरू कर दिया था। लेकिन समय बीतने के साथ झोलाछापों के अस्पताल पुन: गुलजार हो गए। झोलाछाप बेखौफ होकर मरीजो का उपचार कर रहे हैं। गम्भीर रोगों से त्रस्त रोगी झोलाछाप के चंगुल में फंसकर जान गंवा रहे हैं। इसके बाबजूद जिला प्रशासन नोटिस थमाने के बाद कुम्भकर्णी नींद में सो गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिधूना के अधीक्षक डा. वीपी शाक्य ने बताया कि पहले छापामारी के बाद झोलाछाप मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में जाकर मिले होंगे। कार्यालय से सूची मंगाने के बाद दुबारा छापामार कर अवैध रूप से संचालित दवाखाने बंद कराये जाएंगे ।