डॉक्टरों की किल्लत से जूझ रहा सौ शैय्या अस्पताल
जागरण संवाददाता, औरैया : सौ करोड़ की लागत से बने सौ शैय्या अस्पताल में हड्डी रोग के साथ
जागरण संवाददाता, औरैया : सौ करोड़ की लागत से बने सौ शैय्या अस्पताल में हड्डी रोग के साथ गंभीर बीमारियों के इलाज का कोई खास इंतजाम नहीं है।
स्थापना के बाद से अबतक यहां कुछ ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती हो पाई है, जबकि 15 पद अभी भी खाली पड़े हैं। अस्पताल आने वाले मरीजों को केवल प्राथमिक उपचार ही मिल पा रहा है। इससे जिले का सबसे बड़ा अस्पताल मात्र रेफरल सेंटर बनकर रह गया है।
ग्राम चिचौली में 100 शैया अस्पताल का निर्माण चार साल पहले हुआ था। आधी अधूरी व्यवस्थाओं के बीच एक जनवरी 2016 को यह अस्पताल शुरू कर दिया गया था। जनपद में तैनात डॉक्टरों को इसमें तैनाती दे दी गई थी। वहीं, दो-तीन डॉक्टर बाहर से भेजे गए थे। यहां कुल 22 पद स्वीकृत हैं, जबकि वर्तमान में नौ डॉक्टर ही तैनात हैं। अब तक यहां एमडी मेडीसिन, हड्डी रोग विशेषज्ञ, ईएनटी सर्जन, पैथॉलाजिस्ट की तैनाती नहीं हो पाई है। इससे लोग परेशान हैं। यहां आने वाले मरीजों को संसाधनों के अभाव के चलते गंभीर बीमारियों के मरीज को सैफई या कानपुर रेफर कर दिया जाता है। स्टाफ की कमी से यहां अस्पताल में जो लोग हैं, वे भी काम ज्यादा होने से परेशान रहते हैं। इससे अपनी आफत को दूर करने के लिए सामान्य मरीजों को भी कानपुर के लिए रेफर कर देते हैं। मजबूरन व्यक्ति अपने मरीज को अन्य स्थानों पर ले जाता है। प्रतिदिन की तरह शनिवार को भी चार मरीज कानपुर रेफर किए गए। इस संबंध में 100 शैया अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजीव रस्तोगी ने बताया कि यहां जितने संसाधन हैं, उनसे मरीजों का बेहतर इलाज किया जा रहा है। मजबूरन गंभीर मरीज को कानपुर या सैफई रेफर किया जाता है।