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भगवान भरोसे जीवन गुजारने को मजबूर मानीकोठी के बा¨शदे

संवाद सूत्र, रुरुगंज : विकासखंड एरवाकटरा की ग्राम पंचायत मानीकोठी के ग्रामीणों को आज भी सर

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 06:05 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 06:05 PM (IST)
भगवान भरोसे जीवन गुजारने को मजबूर मानीकोठी के बा¨शदे
भगवान भरोसे जीवन गुजारने को मजबूर मानीकोठी के बा¨शदे

संवाद सूत्र, रुरुगंज : विकासखंड एरवाकटरा की ग्राम पंचायत मानीकोठी के ग्रामीणों को आज भी सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाएं उनके पास तक न पहुंचकर अधिकारियों की जेबें भर रही हैं। इस गांव में कई ऐसे परिवार हैं जो फूस के छप्पर पर तिरपाल डालकर आज भी रह रहे हैं। कई बार अधिकारियों से आवास की मांग करते करते ग्रामीण थक गए। लेकिन आज तक उन्हें आवास मुहैया नहीं कराया गया।

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पूरे गांव में सिर्फ दो जगह शौचालय के लिये लगभग तीन माह पहले गड्ढे खोदे गए थे। जो अभी तक नहीं बन सके हैं। कई परिवार आज भी खुले में शौच करने को मजबूर है। गांव में कई जगह बनी सड़क आज भी अधूरी पड़ी है। नालियां न बनी होने के कारण पानी घरों में भर जाता है। बरसात के मौसम में जलभराव की समस्या बढ़ जाती है। लोगों ने कई बार इस बात की भी शिकायत की लेकिन ग्राम पंचायत अधिकारी व प्रधान ने आज तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। कई ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने जब ग्राम प्रधान से आवास के लिये बोला तो उन्होंने पहले 20 हजार रुपये लेकर आने को कहा। पैसे न होने के कारण आज भी उन लोगों को आवास व शौचालय नहीं मिल सके हैं। गाव के संजीव कुमार के घर बन रहा शौचालय तीन माह से अधूरा पड़ा है। घरों के ऊपर से निकले बिजली के तार हादसों को दावत दे रहे हैं।

-विनीता शर्मा ने बताया कि उनके पति की मृत्यु 14 वर्ष पहले हो गयी थी। उनका एक लड़का है जो 16 वर्ष का है। कई बार मांग के बाद भी उन्हें आज तक कोई आवास व शौचालय नहीं मिला है। वहीं गलियां भी उखड़ी पड़ी हैं।

-संगीता देवी ने बताया कि उनके घर पर पिछले तीन माह से प्रधान द्वारा शौचालय बनाने के लिये खुदवाए गड्ढे बने हुए हैं। लेकिन आज तक शौचालय नहीं बना। कुछ दिन पहले एक बच्चा भी इनमें गिरकर घायल हो चुका है।

-रामदुलारी शर्मा ने बताया कि 65 वर्ष की हो जाने के बाबजूद उनको पेंशन व शौचालय या आवास कुछ लाभ नहीं मिल रहा है। घर मे फूस का छप्पर डालकर वह गुजारा कर रही हैं। वहीं गलियों में नालियां न होने से परेशानी होती है।

-युवक जितेंद्र कुमार ने बताया कि कई बार उन्होंने अधिकारियों को गांव की मूलभूत समस्याओं से अवगत कराया। लेकिन आज तक उनके गांव में शौचालय व आवास आवंटित नहीं हुये हैं। जिस कारण लोगों को खुले में शौच करने के लिये जाना पड़ता है।

-ग्राम पंचायत अधिकारी मुशीर अहमद ने बताया कि गाव में कोई भी व्यक्ति आवास के लिये पात्र नहीं है। कुछ लोगों को पिछले पंचवर्षीय में आवास मिल चुके हैं। इसलिये इस बार अभी ग्रामीणों को आवास नहीं मिले हैं। गांव में शौचालय बनाने का कार्य शुरू होने वाला है।


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