नमो देव्यौ--भौतिक संरचना कर बच्चों को दे रहीं संस्कारित शिक्षा
जागरण संवाददाता औरैया अब से सात साल पहले सहार विकास खंड की ग्राम पंचायत अरियारी के पूव
जागरण संवाददाता, औरैया: अब से सात साल पहले सहार विकास खंड की ग्राम पंचायत अरियारी के पूर्व माध्यमिक विद्यालय के हालात बेहद खराब थे। लेकिन 2013 से विद्यालय की भौतिक संरचना में बदलाव की एक बयार सी चली कि बच्चों का शैक्षणिक ज्ञान, सामाजिक संस्कृति, रहन सहन, कांवेंट स्कूलों की चमक धमक को पीछे छोड़ता चला गया। यह सब संभव हुआ शिक्षिका निशा शुक्ला के सार्थक प्रयास की बदौलत। जिनके ²ढ़ विश्वास व संकल्प से विद्यालय का कायाकल्प हो गया। जो अन्य विद्यालयों के लिए नजीर बना हुआ है।
दिबियापुर सहायल रोड निवासी शिक्षिका निशा शुक्ला बताती हैं कि 2006 से वह शिक्षिका के रूप में 14 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर चुकी है। 2016 में विद्यालय के प्रधानाध्यापक व सहायक के एक साथ सेवानिवृत्त हो जाने पर प्रधानाध्यापिका का कार्य भी संभाला। विद्यालय के भौतिक परिवेश को नवरूप प्रदान करने का कार्य करने लगी। जिस विद्यालय में इज्जतघर न होने से बच्चियां स्कूल नहीं आ पाती थीं। स्कूल के समय के बाद बच्चों का स्तर सुधारने के लिए अतिरिक्त समय दिया। इस समय 47 से बढ़कर 92 छात्र-छात्राओं के नामांकन हैं। निजी विद्यालयों से नाम कटवाकर छात्र विद्यालय आ रहे हैं। वीरान से स्कूल में सभी सुविधाएं है। जो बच्चे अधिकारी आने की सूचना पर विद्यालय छोड़कर चले जाते थे। आज बेधड़क अंग्रेजी बोलकर विद्यालय का मान बढ़ा रहे हैं। बालिकाओं को सशक्त बनाने उन्हें विषयों में पारंगत करने के साथ ही जैम, जैली, अचार, क्राफ्ट प्रशिक्षण देकर चटाई, टोकरी, गुड़िया आदि बनाने की सीख भी दे रही हैं। इसे देखकर ग्रामवासी स्तब्ध हैं। खुशी, दीक्षा, सुनीता, सीता, निशा, रिया, काजल आदि बालिकाएं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग करके पुरस्कार विजेता बन रहे हैं। आज विद्यालय में लगभग हर सुविधा का प्रबंध निशा द्वारा किया जा चुका है। बच्चों में आत्मविश्वास जगाने का उनका लक्ष्य पूर्ण होता नजर आ रहा है। बालिकाओं के घरों पर जाकर महिलाओं को स्वच्छता, पयार्वरण के लिए जागरूक करने के साथ-साथ शिक्षित व सशक्त बनाने की मुहिम छेड़ रखी है। मिशन शक्ति अभियान में करीब महिलाओं को समूह बनाकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।