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    फेसबुक में आकर्षक सब्सिडी का देते थे लालच, कागज में गड़बड़ी बता बार-बार मांगते थे रुपये, 3 पकड़े गए

    Updated: Fri, 14 Nov 2025 06:45 PM (IST)

    फेसबुक पर आकर्षक सब्सिडी का लालच देकर लोगों को ठगने वाले तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये आरोपी कागजात में गड़बड़ी बताकर बार-बार रुपये मांगते थे। पुलिस ने शिकायत मिलने पर कार्रवाई करते हुए आरोपियों को पकड़ा और उनसे पूछताछ कर रही है।

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    जागरण संवाददाता, औरैया। सरकारी योजनाओं का फेसबुक पर पेज बनाकर साइबर ठगी करने वाले तीन आरोपितों को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर जले भेज दिया था। पूछताछ में पता चला कि तीनों रिश्तेदार है और एक आरोपित की तलाश जारी है। जो पड़े गए आरोपितों का रिश्तेदार है। आरोपित चार सालों से ठगी का काम चल रहे है।

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    पुलिस जांच में सामने आया कि सरकारी योजनाओं की आकर्षक सब्सिडी दिलाने के लिए लोगों को झांसा में देते थे। कागजों में गड़बड़ी बताकर बार-बार रुपये मांगते थे। जब लोग इसकी शिकायत करते थे। तो पुलिस की तरफ से ईएमआई नंबर और फोन नंबर बंद किए जाते थे। इसके बाद आरोपित नदी या नाले में सिम और मोबाइल तोड़कर फेंक देते थे। जिससे यह पकड़ में न आए और फिर से दूसरा फोन कीपैड वाला सस्ता फोन लेते थे। आरोपितों का नेटवर्क कई राज्यों में फैला था। पुलिस ने सभी थानों से मुकदमों की जानकारी मांगी है। प्रति ग्राहक से 10 से लेकर 50 हजार रुपये लेते थे। जिसमें उनकी कोई लिमिट नहीं होती थी।

     

     

    राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर सरकारी योजनाओं के नाम पर अलग-अलग शहरों से लोगों ने ठगी की शिकायत की थी। जिस पर बेला थाना पुलिस और साइबर सेल पुलिस जांच कर रही थी। 12 नवंबर को रात बेला पुलिस वाहन चैकिंग के दौरान ग्राम अमृतपुर की तरफ से बंबा पटरी पर छहरी पुलिया के पास शिव प्रताप उर्फ रवि पुत्र दिनेश सिंह निवासी अमृतपुर कैथावा थाना बेला, जितेन्द्र सिंह उर्फ मिथुन पुत्र सतीश सिंह निवासी ग्राम अमृतपुर कैथावा थाना बेला और राहुल पुत्र चन्द्रपाल निवासी रुरिया थाना सिरसागंज जनपद फिरोजाबाद पकड़ा था।

     

     

    आपस में सभी रिश्तेदार

    पूछताछ में पता चला कि तीनों आपस में रिश्तेदार है। जिसमें आरोपित शिव प्रताप का साला राहुल है। जबकि आरोपित जितेंद्र शिव प्रताप का चाचा का लड़का है। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि मोबाइल व लेपटाप के माध्यम से आनलाइन प्रधानमंत्री कुसुम योजना व प्रधानमंत्री जनऔषधि परियोजना का झांसा देकर लोगों के साथ धोखाधड़ी करके रुपये ठग लेते थे। वह लेपटाप व मोबाइल से फेसबुक पर प्रधानमंत्री कुशुम योजना व प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना का पेज बनाते थे।

     

     

    तुरंत योजना का लाभ देने का वादा

    प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अन्तर्गत सोलर पैनल एवं पंप और जन औषधि योजना का प्रचार प्रसार कर अपने मोबाइल नंबर फेसबुक पेज पर बतौर हेल्पलाइन नंबर अंकित करते थे। साथ ही आकर्षक सब्सिडी और तुरंत योजना का लाभ देने वादा करते थे। लोक जल्दी झांसे में आ जाते थे और अपने दस्तावेज उनको व्हाट्सएप पर भेज देते थे। उसके बाद आरोपित ग्राहकों को फर्जी मुहर लगाकर फर्जी अप्रूवल लेटर व बिल, इनवाइस की पीडीएफ बनाकर ग्राहकों को व्हाट्सएप के माध्यम से भेजकर रुपये स्थानांतरण करवा लेते थे।

     

     

    दस्तावेजों में बताते थे कमियां

    कई बार दस्तावेज में कमियां निकालकर रुपये भी मांगते थे। आरोपितों के द्वारा संचालित चार नंबरों के विरुद्ध एनसीआरपी पोर्टल पर साइबर फ्राड से संबंधित कुल 26 शिकायतें दर्ज थी। जिनका संबंध उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, पंजाब, मध्य प्रदेश आदि राज्यों से है। पुलिस अन्य राज्यों से संपर्क कर रही है और जांच कर रही है। आरोपित करीब चार साल से ठगी का काम कर रहे है। आरोपितों के पास से कुल 9,21,000 रुपये, दो कार लेपटाप, तीन पैन ड्राइव, छह मोबाइल फोन, चार फर्जी मोहर, एक किसान यूनियन आई कार्ड, दो ड्राइविंग लाइसेंस, चार अदद आधार कार्ड, दो पेन कार्ड, चार अदद डेबिट व क्रेडिट कार्ड पुलिस ने बरामद किया।

     

     


    किसी की लालच में न आए और न दे बैंक खातों की जानकारी

    साइबर सेल प्रभारी विकास सिंह ने बताया कि किसी भी लालच में आकर अपने बैंक खातो की जानकारी या एक्सेस किसी को फोन पर न न दें। साइबर अपराध घटित होने पर तुरंत साइबर सेल, साइबर थाना, स्थानीय थाने पर जाकर संपर्क करें और साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर काल कर संपर्क करें। इंटरनेट मीडिया पर झांसे में न आए और सरकारी कार्यालयों में जाकर जानकारी ले।

     


    योजनाओं की जानकारी अधिकारिक बेवसाइट व कार्यालय से ले

    जिला कृषि अधिकारी शैलेंद्र कुमार ने बताया कि विभाग की जो भी योजनाएं चल रही है। उनकी जानकारी आधिकारिक बेवसाइट से लें। कार्यालय आकर भी जानकारी ले सकते है। किसी के झांसे में आकर अपनी जानकारी फोन पर न दे। फेसबुक पर योजना संबंधित किसी प्रकार का पेज नहीं होता है।