गुस्से में मवेशियों में विद्यालयों में बंद कर रहे किसान
जागरण संवाददाता, औरैया: बेसहारा जानवरों पर लगाम लगाने के लिए शासन-प्रशासन की ओर से कोई
जागरण संवाददाता, औरैया: बेसहारा जानवरों पर लगाम लगाने के लिए शासन-प्रशासन की ओर से कोई कदम न उठाए जाने से किसान आक्रोशित है। इसी के परिणाम स्वरूप शासन-प्रशासन का ध्यान खींचने के लिए वे मवेशियों को विद्यालयों में बंद कर रहे हैं। अधिकारी मौके पर पहुंचते हैं और समस्या के निराकरण का आश्वासन देते हैं लेकिन समस्या जस की तस रहती है।
भाकियू (टिकैत) के जिलाध्यक्ष उमाशंकर राजपूत बताते हैं कि विद्यालयों में जानवर बांधे जाने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। किसान यह खुद समझते हैं लेकिन शासन-प्रशासन का ध्यान खींचने और जानवरों के झुंड से फसलों को बचाने की कवायद के लिए वह ऐसा करने को विवश हो रहे हैं।
गोशालाएं फुल होने से बढ़ी समस्या
जनपद में कुल 25 गोशाला पंजीकृत हैं लेकिन इनमें से 12 गोशालाएं ही चल रही हैं। वर्तमान में वह सभी फुल हो चुकी हैं। इससे बेसहारा जानवरों पर नियंत्रण के लिए प्रशासन कोई प्रयास नहीं कर पा रहा रहा। इसी के चलते दो दिन पूर्व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अनुपम शुक्ला ने मवेशियों को बीहड़ में छोड़वाने की बात कही है।
हाल ही में हुई घटनाएं
-26 दिसंबर को सहायल के विद्यालय परिसर में बेसहारा मवेशी बंद किए
-28 दिसंबर को कंचौसी के अस्पताल परिसर में बेसहारा मवेशी बंद किए
-31 दिसंबर को खरका के विद्यालय परिसर में बेसहारा मवेशी बंद किए
-3 जनवरी को सोंधेमऊ के विद्यालय परिसर में बेसहारा मवेशी बंद किए -शासन द्वारा उमरी गांव में कान्हा गोशाला बनाए जाने का कार्य प्रस्तावित है। जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा, ताकि बेसहारा जानवरों पर नियंत्रण रखा जा सके। सभी तहसीलों की चारागाह की जमीन में पिलर लगवाकर अस्थाई गोशाला तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। -श्रीकांत मिश्रा, डीएम