सहकारी समितियों में खाद न होने से बढ़ी किसानों की चिता
संवाद सूत्र एरवाकटरा कस्बा के आसपास की अधिकांश सहकारिता समितियों में पिछले एक माह
संवाद सूत्र, एरवाकटरा : कस्बा के आसपास की अधिकांश सहकारिता समितियों में पिछले एक माह से डीएपी और यूरिया खाद की किल्लत है। सैंकड़ों गांवों के किसान रोजाना जरूरत के काम छोड़कर इसी उम्मीद से समितियों के बाहर एकत्रित हो जा रहे है कि खाद की खेप आने वाली है। धान की रोपाई के लिए तैयार खेतों में खाद की आवश्यकता है, लेकिन समिति पर खाद नदारद है। जिम्मेदारों की अनदेखी किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन रही है।
आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसानों की धान की नर्सरी रोपाई के लिए तैयार खड़ी है। सहकारी समितियों के सदस्य किसान धान की फसल के लिए सहकारी समितियों के ऋण पर खाद खरीदते हैं। जिसे फसल बेचने पर चुकता करते हैं। लेकिन क्षेत्र की एक भी समिति में खाद न होने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। क्षेत्र की सहकारी समिति उमरैन, एरवाटीकुर, बढि़न समायन, पीसीएफ एरवाकटरा, सरायशीशग्रान, कुदरकोट के अंतर्गत पड़ने वाले सैंकड़ों गांवों के किसानों को खाद के लिए प्राइवेट दुकानों का रुख करना पड़ रहा है। जहां मेहनत की रकम को मिलावटी खाद में गवाना पड़ रहा है। वहीं समिति पर निर्भर किसानों की धान की रोपाई भी लेट हो रही है। जिससे उत्पादन कम रहने का खतरा भी बढ़ रहा है। इस संबंध सहकारी समितियों के सचिवों से बातचीत में यही जवाब मिला कि समितियों की चैक पिछले काफी दिनों से पीसीएफ दिबियापुर में जमा है, लेकिन इसके बावजूद खाद नहीं भेजी जा रही है। सहायक आयुक्त सहकारिता केके मिश्रा ने बताया कि खाद पर्याप्त मात्रा में है, चैक की समस्या आ रही है। समीक्षा कर समस्या का निस्तारण जल्द किया जाएगा।