आश्वासन के तेल से जल रही तिरकों की बिजली
संवाद सूत्र, बेला (औरैया):भले ही आजादी को 70 वर्ष बीत गए हों। मगर विकास खंड बिधूना के ग
संवाद सूत्र, बेला (औरैया):भले ही आजादी को 70 वर्ष बीत गए हों। मगर विकास खंड बिधूना के ग्राम तिरकों में आज भी ग्रामीणों का दिया,
जनप्रतिनिधियों के आश्वासन से जलता है। गांव में आजतक विद्युतीकरण नहीं हुआ, ग्रामीणों ने जब भी इसकी मांग की तो सिर्फ आश्वासन ही मिला।
ग्राम पंचायत गैली का मजरा तिरकों अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। विगत विधान सभा चुनाव में विद्युतीकरण को लेकर ग्रामवासियों ने नोटा इस्तेमाल करने का एलान किया था। तब मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने ग्रामीणों को मनाकर समस्या दूर करने का आश्वासन दिया था। लेकिन गांव मे विगत तीन वर्षों से पड़े बिजली पोल विगत पखवारे लगा गए हैं। इसके बाद पुन: काम बंद हो गया। गांव मे विद्युतीकरण न होने से ग्रामीणों में आक्रोश है। बेला-बिधूना राजमार्ग से जोड़ने वाला गैली-तिरकों का संपर्क मार्ग भी बिल्कुल खस्ताहाल है। इस मार्ग से गैली, तिरकों, पूर्वाभवन, सुनीखेड़ा के ग्रामीण कस्बा बेला प्रतिदिन आवागमन करते हैं। ग्रामीण उमेश चंद्र शुक्ला, सुरेन्द्र ¨सह, रतन ¨सह, सुघर ¨सह, अमर ¨सह, नरेंद्र बाबू, महेंद्र बाबू, अर¨वद मिश्रा, अनूप शुक्ला व ¨पकू ने बताया कि विगत सितंबर में गड्ढा मुक्ति अभियान के तहत लगभग एक किमी संपर्क मार्ग लोक निर्माण विभाग द्वारा बनवाया गया था। शेष संपर्क मार्ग अभी भी जस का तस पड़ा हुआ है। कई वर्षों से कोई मरम्मत कार्य न होने से सड़क पूरी तरह उखड़ चुकी है। बड़ी-बड़ी गिट्टी निकल आने से अक्सर दोपहिया वाहन सवार गिरकर चुटहिल होते रहते हैं। ग्रामीणों ने दर्जनों बार शिकायती पत्र विभागीय अधिकारियों को भेजकर संपर्क मार्ग बनवाये जाने की मांग की। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से बदहाल संपर्क मार्ग बनवाने व गांव मे विद्युतीकरण करवाये जाने की मांग की है।