खुशहाली से भरा दीपावली त्योहार, हर हाथ को मिलता रोजगार
जागरण संवाददाता औरैया पूरे वर्ष मनाए जाने वाले हिदू त्योहारों में दीपावली ही एक ऐसा अनोख
जागरण संवाददाता, औरैया : पूरे वर्ष मनाए जाने वाले हिदू त्योहारों में दीपावली ही एक ऐसा अनोखा पर्व है। जो हर घर खुशहाली, फूलों से सजी थाली, दीपावली का त्योहार, मिलता हर हाथ को रोजगार के साथ आता है। मजदूर से लेकर उद्योग पतियों तक कोई भी खाली नहीं रहता है। हर घर में खुशी की अनूठी लहर नजर आती है। इस समय किसान फसलों की कटाई में व्यस्त रहता है।
मजदूर परिवारों को भरपूर मजदूरी मिलती है। खेतों में न सही तो मकानों की साफ सफाई का काम मिलता है। मिठाई, बर्तन, कपड़ा, इलेक्ट्रानिक सामान की दुकानों पर लोगों को काम मिलता है। जो अपना कारोबार करना जानते हैं, उन्हें भी काम की कमी नहीं है। रुई, दीपक आदि मिट्टी के बने वर्तन का स्टाल लगा लेता है, आतिशबाजी बनाने वाले अपने काम में जुट जाते हैं। आतिशबाजी बिक्री करने वालों की होड़ लगी रहती है। तो माली फूलों की दुकानें सजाकर बैठ जाते हैं। सही मायने में दीपावली ही एक ऐसा त्योहार है जो एक सप्ताह पहले व बाद तक लोगों को पर्याप्त धन उपलब्ध कराता है। नाकारा व्यक्ति ही अपवाद है वरना हर हाथ को काम देने वाला पर्व है।
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इस बार फूलों की बहार
पिछले दो साल से मंदिरों के भी पट बंद चल रहे थे। बगिया में डाली पर ही फूल सूख गए थे। इस बार कोविड थमने से त्योहार पर फिर रौनक लौट आई थी। करवा चौथ से शुरू हुई फूलों की बिक्री लगातार दीपावली तक चलेगी। दीपक सोनी का कहना है कि पिछली बार फूलों को सुरक्षा में फूलों की कीमत से ज्यादा बर्फ खपत हो गई थी। एक सप्ताह तक फूलों को रखना पड़ता था। इस बार दीपावली पर उम्मीद की बगिया खिल उठी है।
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जगमगाएंगी रंग-बिरंगी आकर्षक झालरें
सामान्य स्थिति रहने पर इस बार झालरों के स्टॉल भी सच गए हैं। लोगों को रोजगार मिलने से चेहरे चमक उठे हैं। पवन गुप्ता का कहना है कि इस बार चाइना से तौबा कर शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में झालरें खूब बिक रही हैं। पिछले दो साल से धूमिल पड़ा रोजगार फिर चल पड़ा है। 50 हजार रुपये की देशी झालरें मंगवाई है। पिछले साल का माल भी रखा है।