अवैध शराब के कारोबार पर लगाम कसने में विभाग फेल
जागरण संवाददाता, औरैया: जनपद में शराब के अवैध कारोबार पर आबकारी विभाग लगाम नहीं कस प
जागरण संवाददाता, औरैया: जनपद में शराब के अवैध कारोबार पर आबकारी विभाग लगाम नहीं कस पा रहा है। जिससे यह धंधा हमेशा की तरह ही जारी है। वहीं आबकारी स्टाफ की कमी की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। इसके अलावा शस्त्र व वाहन न होने की भी बात कहते हैं। जिससे विभाग के अधिकारी सहित अन्य कर्मचारियों को काफी दिक्कतें आ रहीं हैं। शासन द्वारा विभाग को चार करोड़ का लक्ष्य और बढ़ा दिया गया है।
जिले में अगर सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला कोई विभाग है तो वह आबकारी है। मगर प्रशासन की ओर से और न ही शासन की ओर से समस्या पर ध्यान दिया जा रहा है। विभाग के हालात यह हैं कि उसका खुद का कोई न तो कार्यालय है और न ही क्षेत्र में जाने के लिए कोई गाड़ी है। ऐसे में अवैध शराब पर कैसे रोक लगेगी। इसके अलावा स्टाफ की कमी भी वर्षों से चली आ रही है। कई बार विभाग द्वारा कमी को शासन स्तर पर पत्र भी लिखा जा चुका है। लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
चार करोड़ का लक्ष्य बढ़ाया
शासन स्तर से आबकारी विभाग के राजस्व को पहले की अपेक्षा बढ़ा दिया गया है। विभाग की मानें तो लक्ष्य 149.16 करोड़ था। जिसे बढ़ाकर 153.16 करोड़ कर दिया गया है। यह लक्ष्य महज दो माह के लिए बढ़ाया गया है। स्टाफ की यह है स्थिति
जिले में तीन तहसील हैं जिसको देखने के लिए महज दो इंस्पेक्टर हैं, इसके अलावा जिले में 10 थाने हैं जबकि सिपाही सात हैं। जिससे सूचना मिलने के बाद छापेमारी करने में दिक्कत आती है। विभाग में सात सिपाहियों के बीच केवल चार राइफल हैं। स्टाफ की कमी का फायदा शराब माफिया जमकर उठाते हैं। इस समय अवैध शराब का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। जिले में शराब की दुकानों की स्थिति
प्रकार संख्या
विदेशी 36
बियर 31
देशी 75
भांग 19
कुल 161 क्या कहते हैं जिम्मेदार
जिला आबकारी अधिकारी ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि समस्या को लेकर कई बार लिखा जा चुका है। इसके अलावा जिले में अवैध शराब के करोबार को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है। अगर कहीं भी ऐसे कार्य किये जा रहे हैं तो उसकी सूचना दी जाए। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रख कर कार्रवाई की जाएगी।