'प्रभु जी', बुलेट ट्रेन से पहले सुरक्षा चाहिए
जागरण संवाददाता, औरैया : बुलेट ट्रेन की ओर बढ़ रहे देश में अभी सामान्य ट्रेनों और उनके
जागरण संवाददाता, औरैया : बुलेट ट्रेन की ओर बढ़ रहे देश में अभी सामान्य ट्रेनों और उनके संचालन में ही व्यापक सुधार की जरूरत है। ट्रेनों में सफर करने वाले मुसाफिर आएदिन हो रहे हादसों को लेकर दहशत में हैं और कह रहे हैं कि ट्रेनों की सुरक्षा और संरक्षा पर ध्यान दिया जाए ताकि भारतीय रेलवे यात्रियों का भरोसा दोबारा जीत सके।
मंगलवार रात औरैया के अछल्दा और पाता स्टेशन के बीच खजुरियनपुरवा गांव के पास दिल्ली हावड़ा रेल मार्ग के अप ट्रैक पर पलटे मिट्टी लदे डंपर से टकराकर कैफियात एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। ट्रेन में सवार 81 से अधिक लोग घायल हो गए। इस हादसे ने साबित किया कि सुरक्षा और संरक्षा को लेकर रेलवे ने पहले हुए हादसों से कोई सबक नहीं लिया। ट्रैक की सुरक्षा के प्रति संजीदगी न होने का ही नतीजा है कि डंपर ट्रैक पर पहुंच गया और इतना बड़ा हादसा हो गया। इस घटना में भले ही किसी की जान न गई हो, लेकिन दर्जनों मुसाफिर जख्मी हुए और करोड़ों रुपये की सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हुआ। इसके अलावा आयेदिन हो रहे रेल हादसों से यात्रियों में ट्रेन के सफर के प्रति असुरक्षा की भावना जन्म ले रही है। कई यात्री ऐसे भी हैं जो प्रतिदिन ट्रेन से ही सफर करते हैं। किसी को पढ़ाई के लिए तो किसी को अपनी ड्यूटी पर जाना होता है। ऐसे यात्रियों को भी यह हादसे अब डराने लगे हैं। दिबियापुर निवासी सत्यम सैनी व लल्ला सिद्दीकी प्रतिदिन ट्रेन से कानपुर तक का सफर करते हैं लेकिन बुधवार को अछल्दा में हुए हादसे के बाद वह दहशत में हैं। वह कहते हैं कि रेलवे को यात्रियों की सुरक्षा के लिए और बेहतर इंतजाम करने चाहिए।
दिबियापुर निवासी अर¨वद शुक्ला व अनुराग चौबे इटावा तक का सफर ट्रेन से ही प्रतिदिन करते हैं। बुधवार को भी उन्हें ट्रेन से इटावा जाना था, लेकिन हादसा होने की वजह से वह नहीं जा सके। वह कहते हैं कि रेलवे को संसाधनों की मरम्मत पर समुचित ध्यान देकर जिम्मेदारों को भी सतर्क करना चाहिए ताकि लोगों में व्याप्त भय दूर हो सके।
आज भी झकझोर देता पुखरायां हादसा
बीते वर्ष 20 नवंबर को कानपुर देहात जनपद के पुखरायां में इंदौर-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। इसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और 260 से अधिक यात्री घायल हो गये थे। यह हादसा अभी तक प्रदेश के लोग भुला नहीं पाये हैं। इसमें प्रदेश के भी कई लोगों ने अपनों को खोया था। इसके बाद 28 दिसंबर 2016 को कानपुर देहात क्षेत्र के रूरा के पास अजमेर-सियालदाह एक्सप्रेस के 15 कोच पटरी से उतरे इसमें किसी की जान तो नहीं गई थी लेकिन 40 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसके बाद भी रेलवे विभाग नहीं चेता और रेल हादसों के होने का सिलसिला औरैया तक पहुंच गया।
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प्रदेश में इस वर्ष हुए हादसे
30 मार्च, 2017: यूपी के महोबा में महाकौशल एक्सप्रेस पटरी से उतरी, 50 से ज्यादा लोग घायल।
15 अप्रैल 2017: मेरठ-लखनऊ राज्यरानी एक्सप्रेस के 8 डिब्बे उत्तर प्रदेश में रामपुर के पास पटरी से उतरे, दस लोग घायल।
19 अगस्त 2017: मुजफ्फरनगर में क¨लग-उत्कल एक्सप्रेस के 12 डिब्बे हुए बेपटरी, 30 की मौत, सौ से अधिक घायल
23 अगस्त 2017: औरैया जनपद के अछल्दा में कैफियात एक्सप्रेस पलटी, 81 यात्री गंभीर रूप से घायल।