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चहुंओर ओडीएफ का डंका, दिव्यांग बिना 'इज्जतघर'

चंद्रशेखर यादव औरैया दो अक्टूबर 2018 को ही जिले में ओडीएफ घोषणा का डंका बच चुका

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 10:45 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 06:04 AM (IST)
चहुंओर ओडीएफ का डंका, दिव्यांग बिना 'इज्जतघर'
चहुंओर ओडीएफ का डंका, दिव्यांग बिना 'इज्जतघर'

चंद्रशेखर यादव, औरैया

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दो अक्टूबर 2018 को ही जिले में ओडीएफ घोषणा का डंका बच चुका है, लेकिन एक दिव्यांग दो साल से बिना इज्जतघर है। तकरीबन रोज चौखट पर दस्तक के बाद भी किसी अफसर ने उसकी 'लाज' नहीं रखी। जिले की पंचायतों में पूर्व डीपीआरओ ने 20.27 करोड़ रुपये भेजे थे, जिसमें 7.87 करोड़ अभी तक खर्च होने बाकी हैं।

विकास खंड एरवा कटरा के ग्राम पंचायत नगला पहाड़ी के मजरा मुर्चा मुशाह निवासी दिव्यांग सत्य भान इज्जतघर (शौचालय) निर्माण के लिए बेहाल हैं, लेकिन अफसर सर्वे सूची में नाम नहीं होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ रहे हैं। उनका आरोप है कि कई बार प्रधान से कहा पर अनसुना कर दिया। मां विधवा हैं, इसलिए उनको ही लाभ मिलने से आस पूरी हो जाएगी। दिव्यांग सत्यभान बानगी है। ऐसे ही तमाम लोग भटक रहे हैं। वहीं, ग्राम प्रधान नीलम भदौरिया से संपर्क किया गया पर बात नहीं हो सकी। 1076 पर भी शिकायत, नतीजा सिफर

बकौल दिव्यांग, गांव में कुछ लोगों ने निजी तौर पर शौचालय बनवाया है। एक साल पहले 1076 पर शिकायत करने पर जल्द सुनवाई का आश्वासन मिला था, लेकिन नतीजा नहीं निकल सका। इनसेट

सीडीओ से भी मिली मायूसी

दिव्यांग सत्यभान को सीडीओ से शौचालय दिलाने की गुहार में भी मायूसी मिली। गुरुवार को प्रभारी सीडीओ हरेंद्र कुमार सिंह ने उसे डीपीआरओ के यहां जल्द सुनवाई होने की बात कहकर टरका दिया। डीपीआरओ कार्यालय में किसी के नहीं मिलने से मन मसोस कर वह लौट गया। आवास और राशन कार्ड भी नहीं

दिव्यांग ने बताया कि उसे अब तक आवास और राशन कार्ड की सुविधा भी नहीं मिली है। ग्राम प्रधान से राशन कार्ड और आवास के लिए गुहार भी लगा चुके हैं। आंकड़ों पर एक नजर

एलओबी से निर्मित शौचालय : 42,814

एसबीएम के तहत निर्माण : 1,21,200

यूनिवर्सल सैनिटेशन : 16,307 बोले जिम्मेदार

मुझसे किसी दिव्यांग ने पीड़ा नहीं बताई है। उसकी पात्रता के आधार पर खुद पता लगवा कर आवास व शौचालय का लाभ दिलाएंगे।

-हरेंद्र कुमार सिंह, प्रभारी सीडीओ। दिव्यांग या उसके परिवार में किसी भी सदस्य का सर्वे सूची में नाम होगा तो प्राथमिकता के आधार पर लाभ दिया जाएगा।

-अष्ट प्रकाश त्रिपाठी, डीपीआरओ।


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