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मुख्य सचिव की परीक्षा में औरैया फेल

जागरण संवाददाता, औरैया : मुख्य सचिव की समीक्षा में जनपद के कई विभाग फिसड्डी साबित हुए। कु

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Oct 2017 03:01 AM (IST)Updated: Mon, 09 Oct 2017 03:01 AM (IST)
मुख्य सचिव की परीक्षा में औरैया फेल
मुख्य सचिव की परीक्षा में औरैया फेल

जागरण संवाददाता, औरैया : मुख्य सचिव की समीक्षा में जनपद के कई विभाग फिसड्डी साबित हुए। कुछ विभाग तो प्रदेश में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले पांच प्रमुख जिलों की सूची में शामिल हैं। शिकायतों के निस्तारण में भी अधिकारी रुचि नहीं ले रहे हैं। संपूर्ण समाधान दिवस में आई शिकायतें हों या आइजीआरएस पोर्टल की, सभी में जनपद की हालत खराब है।

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बात चाहें कर-करेत्तर से आने वाले राजस्व वसूली की हो या दवाओं की उपलब्धता की या फिर जननी सुरक्षा योजना की, जनपद के कई विभागों की स्थिति किसी मामले में ठीक नहीं है। यह बात लखनऊ में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई समीक्षा बैठक की रिपोर्ट में सामने आई है। इसमें औरैया का नाम सबसे खराब काम करने वाले जनपदों की सूची में 8 बार शामिल है जबकि अच्छा काम करने वाले जनपदों की सूची में औरैया को मात्र दो स्थानों पर ही जगह मिल सकी है।

अवैध खनन, दवा उपलब्धता सभी जगह पिछड़े

औरैया के स्वास्थ्य विभाग भी स्थिति ठीक नहीं है। समीक्षा बैठक की रिपोर्ट में सरकारी अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता के मामले में औरैया खराब जनपदों की सूची में तीसरे स्थान पर है। वहीं जननी सुरक्षा योजना के संचालन में यहां की स्थिति और खराब है। जननी सुरक्षा योजना के तहत सितंबर माह के अंत तक की प्रगति जीरो प्रतिशत दर्शाई गई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की हालत कुछ ज्यादा ही खराब है। यह सबसे खराब काम करने वाले जिलों की सूची में 12वें स्थान पर है। अवैध खनन करने वालों पर एफआइआर दर्ज करने में भी जनपद पीछे है। यहां एक भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई।

बिजली विभाग की कार्यशैली लचर

जनपद में ट्रांसफार्मर प्रतिस्थापन के बारे में हालत ठीक नहीं है। कुल खराब ट्रांसफार्मर के सापेक्ष अवशेष ट्रांसफार्मर के आधार पर औरैया सबसे खराब कार्य करने वाले जनपदों की सूची में तीसरे नंबर पर है। बिजली के नये कनेक्शन के लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति ठीक पाई गई है।

कानपुर मंडल सात मामलों में पीछे

समीक्षा रिपोर्ट में कानपुर मंडल भी फिसड्डी साबित हुआ है। कानपुर मंडल प्रधानमंत्री आवास योजना, अवैध खनन, राजस्व वसूली, नगरीय स्ट्रीट लाइट, महिला हेल्पलाइन, जननी सुरक्षा योजना, दवाओं की उपलब्धता व परिवहन विभाग के मामलों में पीछे है।

''स्थिति में सुधार का प्रयास किया जा रहा है। मनरेगा, शौचालय निर्माण व प्रधानमंत्री आवास के मामलों में जिले में बेहतर काम हुआ है। जिले में जरूरत की किसी दवा की कमी नहीं है। शिकायतों के निस्तारण में गुणवत्ता पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके चलते थोड़ा विलंब होता है।- जेपी सगर, जिलाधिकारी।


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