जागरण संवाददाता, औरैया: अजीतमल क्षेत्र प्रतापपुर गांव के सामने कानपुर-इटावा हाईवे के ओवरब्रिज समीप सोमवार की सुबह पुलिस ने तीन संदिग्धों को रोकते हुए उनसे पूछताछ की। तलाशी में उनके पास से विभिन्न बैंकों के 42 डेबिट कार्ड मिले। जिसे देख पुलिसकर्मी दंग रह गए। कोतवाली अजीतमल में उन्हें लाया गया। जहां कड़ाई से पूछा गया तो हकीकत पता लगी। आरोपित बड़े ही चालाकी से एटीएम बूथ से रुपयों को निकालते थे। इसके बाद ट्रांजेक्शन फेल होने की बात कहकर बैंक शाखाओं के अधिकारियों को उल्लू बनाते। इससे उन्हें फिर से रुपये मिल जाते थे। जो खाते में बैंक द्वारा भेजा जाता।

पकड़े गए आरोपितों में एक इटावा तो दो जालौन जनपद के

पकड़े गए आरोपितों में इटावा जनपद के थाना बकेवर अंतर्गत अंदावा की मड़ैया निवासी लोकेंद्र कुमार पुत्र भानुप्रताप, जालौन जनपद के थाना कालपी पोस्ट मैनूपुर देवकली गांव का दिनेश कुमार पुत्र रामौतार व थाना सिरसा कलार टिकरी गांव का अंश कुमार पुत्र सिपाहीलाल है। पुलिस क्षेत्राधिकारी भरत पासवान ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपितों से 1200 रुपये मिले। बैंकों के डेबिट कार्ड ज्यादा मिलने पर शक गहराया।

इस तरह देते थे वारदात को अंजाम

आरोपित लोकेंद्र ने पूछताछ में बताया कि वह लोग एटीएम बूथ पर जाते थे। कोई न होने पर ट्रांजेक्शन करते। रुपये निकलने के बाद शटर को गिरा देते। जिस पर मशीन आउट आफ सर्विस या एरर बताने लगती। बाद में बैंकों में फेल ट्रांजेक्शन की शिकायत दर्ज करते। एक सप्ताह में जो रकम बताई जाती वह मिल जाती। तीन वर्षों से वह ऐसा कर रहे हैं। लाखों रुपये झटके। बरामद किए गए डेबिट कार्ड एसबीआइ, बैंक आफ इंडिया, सेंट्रल बैंक सहित अन्य बैंकों के हैं। तीनों को न्यायालय से इटावा जेल भेजा गया।

Edited By: Nirmal Pareek