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..और दस वर्षीय बालक ने गढ़ दी अपने अपहरण की कहानी

-तो बेटा दस नंबरी - पिता की डांट से था आहत नानी के घर जाने के लिए रची झूठी कहान

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 11:41 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 06:28 AM (IST)
..और दस वर्षीय बालक ने गढ़ दी अपने अपहरण की कहानी
..और दस वर्षीय बालक ने गढ़ दी अपने अपहरण की कहानी

-तो बेटा दस नंबरी

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- पिता की डांट से था आहत, नानी के घर जाने के लिए रची झूठी कहानी

- फर्रुखाबाद का बताने वाला बालक निकला बाबरपुर का, परिजनों व पुलिस को किया परेशान संवाद सहयोगी, अजीतमल : समाज का दोष कहा जाए या परिवार में संस्कारों का क्षरण। स्वस्थ परंपराओं का अनादर कहा जाए या अनुशासनहीनता की पराकाष्ठा। मामला ही ऐसा है, जो बाल मन के शातिराना अंदाज को बयां कर रहा है। महज दस वर्ष की उम्र में अपने अपहरण की कहानी रचकर परिवार व पुलिस को छकाना कोई हंसी खेल नहीं। पूरा मामला बाल मन की कुटिलता को बताता है।

स्वयं को फर्रुखाबाद निवासी बताने वाला साहिल(10) अपने पिता सलीम की डांट से इतना क्षुब्ध हुआ कि उसने अपने ही अपहरण की झूठी कहानी रच दी। वह अपनी नानी के घर अर्थात फर्रुखाबाद जाना चाहता था। उधर, परिवार के लोग तो परेशान हुए ही, पुलिस भी काफी चकरा गई। बाद में पुलिस की जांच पड़ताल में साहिल बाबरपुर देहात के मोहल्ला सिद्धार्थ नगर का निवासी निकला।

रविवार शाम क्षेत्र के ग्राम मोहारी में लोगों ने एक बालक को घूमते देखा। उससे जानकारी ली, तो उसने अपना नाम साहिल पुत्र सलीम बताते हुए फर्रुखाबाद के छोटे मजार घटियाघाट का निवासी बताया। यहां तक पहुंचने के पीछे भी बालक ने एक नई कहानी गढ़ ली। उसने बताया कि बीते 10 सितंबर को फर्रुखाबाद में खेलते समय कार सवारों ने उसका अपहरण कर लिया था। वह किसी तरह अनंतराम टोल प्लाजा के पास कार की डिग्गी खोलकर कूद गया और किसी तरह गांव मोहारी पहुंच गया। कोतवाली पुलिस ने फर्रुखाबाद पुलिस को बच्चे की फोटो सहित बच्चे द्वारा बताया गया पता बताते हुए उसके परिजनों को सूचना देने के लिए कहा । फर्रुखाबाद पुलिस काफी देर तक परेशान रही। लेकिन, घटिया घाट के आसपास न तो किसी ने उस बच्चे को पहचाना और न ही किसी ने उसका पता बताया। सोशल मीडिया पर वायरल हुई फोटो से किसी ने उसके परिजनों को सूचना दी । सोमवार को परिजन कोतवाली पहुंचे और पिता की डांट से क्रोधित होकर रविवार की दोपहर उसके घर से भाग जाने की बात बताई। कोतवाली निरीक्षक हेमंत कुमार ने बताया की बालक सरासर झूठ बोल रहा था। न उसका अपहरण हुआ था न ही डिग्गी खोलकर कहीं उतरा था। पिता की डांट से आहत हो वह अपनी नानी के घर जाना चाहता था। खैर, बाबरपुर देहात के मोहल्ला सिद्धार्थ नगर के रहने वाले सलीम को उसका बेटा साहिल सौंप दिया गया है।


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