एक हादसे ने बिखेर दिया परिवार, मसाला बेचकर पढ़ा रहीं बेटियां
संवादसूत्र दिबियापुर एक पल में कैसे सब बिखर जाता है? यह हेमा से अच्छा कौन जान सकता है। व्य
संवादसूत्र, दिबियापुर: एक पल में कैसे सब बिखर जाता है? यह हेमा से अच्छा कौन जान सकता है। व्यापार कर अच्छे से परिवार का भरण पोषण कर रहे हेमा के पति के पति की सड़क हादसे में जान चली गई। अचानक सड़क पर आवारा जानवर आया और उसे बचाने के चक्कर में कार सड़क किनारे पेड़ से जा टकराई। परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया। मासूम बेटियां यह भी नहीं जान पा रही थी कि क्या हुआ है? हेमा ने हिम्मत जुटाई और पेटी लगाकर पान-मसाला व दालमोठ बेचकर बेटियों की पढ़ाई जा रखी और परिवार का भरण पोषण कर रही है।
शास्त्री नगर निवासी विनय ने कार चलाकर रुपये जोड़े और पैकेट वाले दूध की एजेंसी लेकर कमाई शुरू की। व्यापार भी अच्छे से चलने लगा। घर में सब कुछ हंसी खुशी का माहौल था। बीते साल सर्दियों के दिनों में कोहरे की मार से बचते हुए आ रहे थे तो दिबियापुर रोड पर गांव नगला जय सिंह के सामने ही अचानक ही सड़क पर आवारा जानवर आ गया। जानवर बचाने के चक्कर में कार सड़क किनारे पेड़ से जा टकराई और कार चला रहे विनय को गंभीर हालत में सीएचसी लाया गया। जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अब तो घर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। सदमे में आई हेमा के सामने सब कुछ अंधेरा ही अंधेरा था। किसी तरह हिम्मत जुटाई। कुछ लोगों ने मदद की । इसके बाद हेमा ने पेटी पर पान मसाला बेचकर फिर से नई जिदगी शुरू की। एक बेटी आराधना जो कक्षा तीन में पढ़ती है और छोटा बेटा नर्सरी में पढ़ रहा है। हेमा से जब पूछा तो उनका दर्द छलककर बाहर आ गया और आंखें डबडबा गई।