दो साल से कहां थे, कहकर बिलख रहीं थीं महिलाएं
गजरौला अवैध प्लाटिग पर बुलडोजर चल रहा था उसे बचाने के लिए विरोध को पहुंची महिलाएं रो रहीं थीं।
गजरौला : अवैध प्लाटिग पर बुलडोजर चल रहा था, उसे बचाने के लिए विरोध को पहुंची महिलाएं रोते-बिलखते हुए कह रहीं थीं कि कार्रवाई करने वाले दो साल से कहां थे, अब उन्होंने खरीद ली है तो बुलडोजर चलाया जा रहा है। भूमि खरीदने को दिए लाखों रुपये कैसे वापस मिलेंगे।
पालिका की कार्रवाई का विरोध व हंगामा करने वालों की भीड़ में गीता, ममता, महेंद्री, किरन, दिनेश, मुनेश आदि दर्जनों महिलाएं थीं। अवंतिका नगर की गीता, नाननौर की ममता, महेंद्री, मेरठ के लल्ला, दिनेश व किरन इत्यादि सभी का कहना था कि यहां दो साल से प्लाटिग चल रही थी। प्लाटिग के बोर्ड लगे होने पर वह यहां पहुंचे थे। उनके द्वारा पालिका कार्यालय से लेकर तहसील तक में चक्कर काटकर भूमि के बारे में पता लगाने के प्रयास किए गए लेकिन, किसी ने नहीं बताया कि यह प्लाटिग अवैध है। मेहनत की कमाई के लाखों रुपये देकर भूमि खरीद ली। दाखिल खारिज करा ली। कुछ ने बाउंड्री करा ली और मकानों का निर्माण शुरू करा दिया तो पालिका को उन्हें खाली कराने व गिराने की याद आई। यह महिलाएं प्लाटिग करने वालों के नाम भी बता रहीं थीं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। महिला सफाई कर्मियों को आगे कर विरोध करतीं व रोतीं-बिखतीं महिलाओं को पीछे कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर दी।
प्लाट बचाने को घंटों जूझीं महिलाएं
गजरौला : पालिका की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई रोकने को महिलाएं घंटों जूझी। शुरुआत में उन्होंने विरोधी तेवर दिखाए। डंडे लगी लंबी-लंबी झाडु के साथ पहुंची महिला सफाई कर्मचारी जब भारी पड़ी तो कई महिलाएं रो पड़ी थी। इस तरह घंटों जूझीं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पुलिस रही शांत
गजरौला : ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान पुलिस शांत रहीं। यहां तक की विरोध करने वाली महिलाओं को शांत करने के लिए महिला पुलिस कर्मियों तक को मौके पर नहीं बुलाया गया था। यह मामला कई दिन से चल रहा था। डीएम उमेश मिश्रा ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। ऐसे में पालिका प्रशासन ने खुद पर लगे मेहरबानी के दाग को धोने के लिए महिला सफाई कर्मियों को ढाल बनाकर आखिर भूमि को कब्जा मुक्त करा ही लिया।