ओडीएफ के बावजूद खुले में शौच जा रहे ग्रामीण
करीब 9 हजार परिवारों में नहीं हैं शौचालय पुराने शौचालय भी हो चुके निष्प्रेाज्य फोटो- 1
जोया: जनपद के ओडीएफ घोषित किए जाने के बावजूद आज भी हजारों परिवार खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। करीब 9 हजार परिवारों के पास तो शौचालय है नहीं, जबकि पुराने शौचालय भी बड़ी संख्या में निष्प्रोज्य हो चुके हैं। इसकी वजह से भी बड़ी संख्या में ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। शौचालय निर्माण में ग्राम प्रधान से लेकर पंचायत सचिव और ब्लाक के अधिकारियों द्वारा खूब गोलमाल किया गया। नतीजतन आज भी बड़ी संख्या में ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। बता दें कि जनपद को जुलाई-2018 में खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया गया था। उस समय करीब 1,64,650 परिवारों में शौचालय बनाए जाने का दावा गया था। जबकि सच्चाई ये थी कि बड़ी संख्या में परिवारों के पास शौचालय ही नहीं थे। उसी समय से ही बड़ी संख्या में ग्रामीण खुले में शौच को जा रहे थे। बात शासन तक पहुंची तो स्पेशल सर्वे कराया गया। उसमें करीब 9706 परिवार शौचालय विहीन पाए गए। बाद में करीब 301 परिवार और शौचालय विहीन निकलकर सामने आए। इन शौचालय का निर्माण भी अब अंतिम चरण में हैं। पिछले माह अधिकारियों ने कागजों में तो शौचालयों का निर्माण दिखा दिया था। लेकिन मौके पर जब जिलाधिकारी उमेश मिश्र ने जांच कराई तो 490 शौचालय कागजों में तो थे, लेकिन मौके से गायब थे। जिलाधिकारी की कड़ी चेतावनी के बाद इनका निर्माण भी अंतिम चरण में हैं। इसके बाद भी शासन स्तर से सर्वे कराया गया तो 8803 परिवार ऐसे निकल आए जिनके यहां शौचालय नहीं थे। इन सभी की पात्रता का सत्यापन हो चुका है और शासन स्तर से धनराशि मिलने का इंतजार किया जा रहा है। वहीं पुराने हजारों शौचालय ऐसे हैं जो अब निष्प्रोज्य हो चुके हैं। ग्रामीण भी इन शौचालयों को दूसरे कामों में प्रयोग कर रहे हैं। जिला पंचायत राज अधिकारी वाचस्पति झा ने बताया कि 8803 परिवारों की पात्रता की जांच हो चुकी है। शासन से धनराशि अवमुक्त होते ही शौचालय का निर्माण करा दिया जाएगा। जो पुराने शौचालय निष्प्रोज्य हैं उनकी संबंधित परिवारों से संपर्क करके मरम्मत कराए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। ग्रामीणों को खुले में शौच न जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।