कल तक थी वीरानगी, अब रौनक ही रौनक
गंगा मैया के तट पर चंद रोज पहले तक छाई रहने वाली विरानगी अब रौनक में तब्दील हो गई है। तंबुओं का शहर मां गंगा के दोनों ओर बसने लगा है। जलस्तर का दायरा कम होने से गढ़ और तिगरी का मेला काफी नजदीक नजर आ रहे हैं।
तिगरीधाम: गंगा मैया के तट पर चंद रोज पहले तक छाई विरानगी अब रौनक में तब्दील हो गई है। तंबुओं का शहर मां गंगा के दोनों ओर बसने लगा है। जलस्तर का दायरा कम होने से गढ़ और तिगरी का मेला काफी नजदीक नजर आ रहे हैं। जिससे दोनों मेला की भव्यता व विशालता में इजाफा नजर आ रहा है।
रविवार को मेले के शुभारंभ के बाद अब श्रद्धालुओं की आवक बढ़ गई है। हर ओर रौनक है। वीआइपी टैंट, तंबू ही अधिक लग रहे हैं, फिर भी गंगा मेले में दूर तक तंबू दिखाई पड़ रहे हैं। इस बार गढ़ और तिगरी का मेला काफी नजदीक है। तिगरी मेला स्थल की तरफ गंगा का कटान अधिक होने के कारण गढ़ का मेला लगभग दो किसी चौड़ा हो गया है। जलस्तर का दायरा सीमित क्षेत्र में होने से दोनों मेलों की दूरी कम हो गई है। आमने-सामने बसे दोनों ओर के मेले का ²श्य भव्य लग रहा है। सड़कों पर लाइट आदि लग चुकी हैं। जिससे रात्रि में मेला और भी भव्य नजर आ रहा है।
-------------------------- फर्राटे भरते मेले की ओर दौड़ रहे ट्रैक्टर-ट्राली
तिगरीधाम : रविवार को मेला का शुभारंभ होने के बाद मानों श्रद्धालुओं की आवक भी तेजी आ गई हो। अब स्थिति यह है कि श्रद्धालुओं से लदे ट्रैक्टर-ट्राली फर्राटे भरते हुए मेला स्थल की ओर बढ़ रहे हैं। इससे श्रद्धालुओं के कारवां भी इजाफा ही नहीं हो रहा बल्कि रेला का रूप धारण होने लगा है। एक साथ कई-कई ट्रैक्टर-ट्राली फर्राटे भरते हुए एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगाते हुए श्रद्धालुओं ने मेला स्थल की ओर बढ़ रहे हैं। मेला स्थल पर तंबू का समान लेकर पहुंचा ट्रक रेत में फंसा रहा। उसे घंटो की कड़ी मशक्कत के बाद टायरों के नीचे से मिट्टी निकालकर रेत से निकाला पड़ा। ऐसे ही ट्रैक्टर-ट्रालियों के फंसने का सिलसिला चल रहा है।