Move to Jagran APP

तिगरी में मेला को भूमि की नपाई शुरू

पतित पावनी मां गंगे के तट पर तिगरीधाम मेला की तैयारी शुरू हो गई। सोमवार को जिला पंचायत के अभियंता तिगरी के कुछ ग्रामीणों को साथ लेकर मेला स्थल पर पहुंचे और संबंधित क्षेत्र में मेले के लिए भूमि पर निशान लगाने का काम प्रारंभ करा दिया। कार्तिक पूर्णिमा 23 नवंबर को है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 10:48 PM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 10:48 PM (IST)
तिगरी में मेला को भूमि की नपाई शुरू
तिगरी में मेला को भूमि की नपाई शुरू

गजरौला : पतित पावनी मां गंगे के तट पर तिगरीधाम मेला की तैयारी शुरू हो गई। सोमवार को जिला पंचायत के अभियंता तिगरी के कुछ ग्रामीणों को साथ लेकर मेला स्थल पर पहुंचे और संबंधित क्षेत्र में मेले के लिए भूमि पर निशान लगाने का काम प्रारंभ करा दिया।

loksabha election banner

कार्तिक पूर्णिमा 23 नवंबर को है। इस पर्व पर स्नान के लिए तिगरी धाम में लाखों श्रद्धालु उमड़ते हैं। जिला पंचायत इस उपलक्ष्य में गंगा तट पर मेले आयोजन करती है, जो ऐतिहासिक मेला कहलाता है और सदियों से लगता आना बताया जाता है। पिछले साल ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तिगरी व गढ़मुक्तेश्वर में लगने वाले इस ऐतिहासिक गंगा मेले का सरकारी मेला घोषित किया है। इसके लिए इस बार कुछ बजट आयोजन से पहले ही जारी कर दिया है। इधर जिला पंचायत ने भी इस ऐतिहासिक आयोजन को कमर कसते हुए करीब सवा करोड़ के बजट में मेला आयोजन की तैयारी की है। सोमवार से इसके लिए तिगरी गंगे मां के तट पर भूमि पर निशान लगाने का काम प्रारंभ करा दिया। घाटों का कटान पैदा कर रहा परेशानी

गजरौला : तिगरी में इस बार गंगा ने भूमि व घाटों का कटान काफी कर दिया है। इससे न सिर्फ स्नान करने वालों के लिए दिक्कत आ रही है। सोमवार को मेले के लिए भूमि पर निशान लगाने पहुंचे लोगों को भी दिक्कत महसूस हुई। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि किस स्नान से काम शुरू किया जाए। इस बार पहले की तरह खाली भूमि दिखाई नहीं पड़ रही है। बुधवार को पूर्णिमा का स्नान पुराने स्थान पर ही

गजरौला : तिगरी के पंडित गंगा सरन शर्मा ने बताया कि बुधवार को शरद पूर्णिमा है। इस अवसर पर तिगरी में गंगा तट पर आस्था की डुबकी लगाने खासे श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस बार स्नान पुराने स्थान पर ही होगा। यहां कटाने वाले स्थान पर मिट्टी को समतल कर स्नान के लिए सीढि़यों का रूप दे दिया है ताकि श्रद्धालु आसानी से गंगा में स्नान को आ-जा सकें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.