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मेले में श्रद्धालुओं तक सभी सुविधाएं पहुंचाने की रही कोशिश: सरिता

गजरौला जिला पंचायत अध्यक्ष सरिता चौधरी की अगुवाई में दूसरी बार हुए ऐतिहासिक गंगा मेले की चर्चा वहां पहुंचे श्रद्धालुओं की जुबां पर है। इस स उनका कहना है कि तिगरी गंगा मेले के आयोजन में सभी श्रद्धालुओं के डेरों तक सुविधाएं पहुंचाने की कोशिश की गई। डीएम व एसपी का भी इसमें पूरा सहयोग मिला। मां गंगे की कृपा और सभी के सहयोग से मेला बहुत भव्य साबित हुआ।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 11:48 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 06:02 AM (IST)
मेले में श्रद्धालुओं तक सभी सुविधाएं पहुंचाने की रही कोशिश: सरिता
मेले में श्रद्धालुओं तक सभी सुविधाएं पहुंचाने की रही कोशिश: सरिता

गजरौला : जिला पंचायत अध्यक्ष सरिता चौधरी की अगुवाई में दूसरी बार हुए ऐतिहासिक गंगा मेले की चर्चा वहां पहुंचे श्रद्धालुओं की जुबां पर है। इस स उनका कहना है कि तिगरी गंगा मेले के आयोजन में सभी श्रद्धालुओं के डेरों तक सुविधाएं पहुंचाने की कोशिश की गई। डीएम व एसपी का भी इसमें पूरा सहयोग मिला। मां गंगे की कृपा और सभी के सहयोग से मेला बहुत भव्य साबित हुआ। पहली बार श्रद्धालु बीस लाख से अधिक की भीड़ वाले तिगरी गंगा मेले की चौड़ी व स्वच्छ सड़कों, प्रत्येक सेक्टर में हर श्रद्धालु की सुविधा को ध्यान में रखकर बनवाए गए शौचालयों, प्रकाश व पेयजल व्यवस्था इत्यादि की प्रशंसा कर रहे हैं। पंचायत अध्यक्ष ने जागरण से कहा कि उनके कार्यकाल यह दूसरा मेला रहा, लेकिन इसे उनकी व प्रशासन की मंशा बहुत भव्य बनाने की थी, जिससे यहां श्रद्धा व आस्था के साथ आने वाले श्रद्धालुओं में एक अच्छा संदेश जाए। उन्हें मेले का माहौल अच्छा लगे। उनकी मां गंगे प्रति पवित्र आस्था बनी रहे। उनका मन ऊर्जावान बना रहे। किसी तरह की परेशानी नहीं हो। इसलिए तिगरीधाम वाले रास्तों से लेकर डेरों वाले सेक्टर तक में जाने और फिर घाटों पर स्नान करने तक की बेहतर सुविधा और सुरक्षा का ध्यान रखा गया। जिला पंचायत, प्रशासन और पुलिस ने टीम भावना जुटे और मेला आयोजन को पिछले लकीर पीटने वाले मेलों से अलग भव्य बना दिया। अध्यक्ष व उनके पति चौधरी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि जिला अधिकारी उमेश मिश्रा के विशेष प्रयासों से मेले को साफ-सुथरा बनाने के साथ गुणवत्ता वाले शौचालय पहली बार बने। शुभारंभ को आरती के लिए बाहर से कलाकार आए। भगवान शिवशंकर की रेत से मूर्ति बनी, जो श्रद्धालुओं को शुरु से समापन तक अपनी ओर आकर्षित करती रही। पहली बार मेले में न सिर्फ स्वागतद्वारों की संख्या बढ़ाकर 15 की गई बल्कि सभी को भव्यता प्रदान करते हुए उन्हें मंदिर के द्वारों की तरह तैयार कराया गया। तंबू, टीनशेड, पहले से अधिक सामान श्रद्धालुओं को दिया गया। ठेकेदार से तय कोटा पूरा होने पर पांच लाख रुपये निजी स्तर पर खर्च कर भी सामान मंगवाकर आम श्रद्धालुओं से जनप्रतिनिधियों, स्वयं सेवियों तक को अच्छी सुविधा देने का पूरा प्रयास किया गया। रोशनी के लिए पहली बार पोल लगाए गए। अच्छी लाइटों की व्यवस्था प्रत्येक डेरे के श्रद्धालु तक पहुंचाने को की गई। अधिक हैंडपंप लगवाए गए। पुलिस अधीक्षक डॉ विपिन ताडा के प्रयासों से पहली दफा कुंभ में प्रयोग होने वाले संसाधन यहां उपलब्ध हो पाए। यह सभी श्रद्धालुओं को अच्छे लगी। घर लौट कर सभी फोन कर इसकी सराहना करते हुए बधाई दे रहे हैं।

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