महिलाओं को मिलेगी उत्पीड़न से निजात
तीन तलाक के मामले को सरकार ने मुद्दा बनाया हुआ है। जैसे भाजपा पहले से राम मंदिर पर राजनीति करती आ रही है उसी तरह से तीन तलाक के मुद्दे पर राजनीति कर रही है। शरीयत खुद में एक कानून है। जिसे हर मुसलमान मानेगा। हाफिज अब्दुल करीम, अमरोहा।
अमरोहा: तीन तलाक को लेकर चल रहे विवादों के बीच सरकार ने अहम फैसला लिया है। तीन तलाक को गैर कानूनी करार देते हुए अध्यादेश पारित कर दिया है। यानि अब तीन तलाक के मामले में आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई होगी तथा महिलाओं को उत्पीड़न से निजात मिलेगी। बुधवार को अध्यादेश को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इस मुद्दे पर मुस्लिम समाज के लोगों की प्रतिक्रिया- तीन तलाक पर अध्यादेश पारित होना महिलाओं की जीत है। अब उनका उत्पीड़न नहीं होगा। तलाक के नाम पर महिलाओं के साथ खिलवाड़ करने वालों को सजा मिलेगा। यह सरकार का अच्छा कदम है।
शुमायला, तीन तलाक पीड़िता। अगर तीन तलाक के मुद्दे पर समाज के लोग पहले से फैसले ले लेते तो आज सरकार को यह कदम नहीं उठाना पड़ता। कुरान शरीफ में भी तीन तलाक का कोई जिक्र नही है। अध्यादेश जारी होने के बार निश्चित ही महिलाओं को लाभ होगा।
राना परवीन, प्रचार्य हाशमी लॉ कालेज। पार्लियामेंट में बहस चल रही थी तो चोर दरवाजे से इस मुद्दे को लाने की जरूरत क्या था। ये सरकार का एक शिगुफा है। ताकि लोगों का ध्यान मंहगाई व राफेल मुद्दे से भटक जाए। यह शरीयत में भी दखलअंदाजी है।
मुफ्ती अफ्फान मंसूरपुरी, जामा मस्जिद अमरोहा। तीन तलाक के मामले को सरकार ने मुद्दा बनाया हुआ है। जैसे भाजपा पहले से राम मंदिर पर राजनीति करती आ रही है उसी तरह से तीन तलाक के मुद्दे पर राजनीति कर रही है। शरीयत खुद में एक कानून है जिसे हर मुसलमान मानेगा।
हाफिज अब्दुल करीम, अमरोहा।