Move to Jagran APP

तालाबों की खोदाई पर खर्च तीन करोड़ खर्च, फिर भी नहीं बदली सूरत

रात गई़ और बात गई .. की तर्ज पर जिले के अफस

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Aug 2022 12:40 AM (IST)Updated: Fri, 26 Aug 2022 12:40 AM (IST)
तालाबों की खोदाई पर खर्च तीन करोड़ खर्च, फिर भी नहीं बदली सूरत
तालाबों की खोदाई पर खर्च तीन करोड़ खर्च, फिर भी नहीं बदली सूरत

तालाबों की खोदाई पर खर्च तीन करोड़ खर्च, फिर भी नहीं बदली सूरत

loksabha election banner

जेएनएन, अमरोहा: रात गई़ और बात गई ... की तर्ज पर जिले के अधिकारी चल रहे हैं। जिस गति से अमृत सरोवरों को बनाने का काम शुरू हुआ, उसी रफ्तार से थम गया है। तालाबों की खोदाई से लेकर उनको चमकाने तक में मनरेगा योजना से करीब तीन करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं लेकिन, तस्वीर अभी तक नहीं बदली है। पक्के काम के लिए सरोवर तरस रहे हैं। इधर सरकार के इस काम को ग्रामीणों ने सराहा है। उनका कहना है कि अमृत सरोवर में तालाब का चयन होने से कोई कब्जा नहीं कर पाएगा। फल व छायादार पेड़ों के नीचे बैठकर लोग भी आराम कर सकेंगे। जनपद में प्रशासन ने 75 तालाबों को अमृत सरोवर बनाने का निर्णय लिया था, जिसके तहत उनको चिह्नित किया गया था। मनरेगा योजना से उनमें कच्चा काम कराया गया था। इनमें उनकी साफ-सफाई के अलावा खोदाई, समतलीकरण और पटरियां बनाने का कार्य शामिल था। एक एकड़ जमीन से कम कोई तालाब सरोवर नहीं बनाया जाना था। एक तालाब को अमृत सरोवर बनाने की लागत अधिकतम 24 लाख व न्यूनतम दस लाख रुपये तक रखी गई थी। नगर निकायों के पांच तालाबों को छोड़कर अन्य में मनरेगा मजदूर लगाकर काम किया गया। तालाबों को कब्जा मुक्त कराया गया। इसमें तेजी इसलिए दिखाई दी क्योंकि, 15 अगस्त को झंडा फहराया जाना था। आनन-फानन में कार्य कराकर इस काम को अंजाम दिया गया लेकिन, इसके बाद उनकी सुध अफसरों द्वारा नहीं ली गई। करीब एक करोड़ रुपया मनरेगा से खर्च हुआ है। टाइल्स बिछाने और बेंच बनाने आदि का कार्य अभी अधूरा है। पौधारोपण सभी तालाबों पर किया गया है। बरखेड़ा राजपूत गांव स्थित तालाब में पानी भरा है लेकिन, पक्का काम नहीं हो पाया है। मनरेगा मजदूरों को चार लाख रुपये की मजदूरी का भुगतान हो गया है। 20 लाख रुपये की लागत से तालाब अमृत सरोवर बनेगा। सरकार द्वारा बनाए गए अमृत सरोवर में बरसात का पानी एकत्र होने से जल स्तर बढ़ेगा। कोई कब्जा करने की हिम्मत भी नहीं जुटाएगा। -शफीक अहमद, ग्रामीण अमृत सरोवर पर पौधारोपण हुआ है। यह अच्छा काम है। गर्मी के समय में पेड़ों के नीचे बैठकर आराम कर सकेंगे। पक्का काम होते ही तालाब को देखकर मन में प्रसन्नता होगी। जागेश सिंह, ग्रामीण जब तालाब अमृत सरोवर में नहीं था तो उस पर लोग कब्जा किए थे। तमाम गंदगी थी लेकिन, अमृत सरोवर में चयन के बाद उसकी सफाई हुई है। कब्जा हटा दिया गया है। इससे वह अच्छा दिखने लगा है। परमी सिंह, ग्रामीण


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.