आभास था कमलेश जिदा है.लेकिन देखा तो आया यकीन
अमरोहा आदमपुर के गांव मलकपुर निवासी कमलेश जिदा निकली। जबकि उसकी हत्या के आरोप में पिता भाई जेल में हैं।
अमरोहा: आदमपुर के गांव मलकपुर निवासी कमलेश जिदा निकली। जबकि उसकी हत्या के आरोप में पिता व भाई जेल काट रहे हैं। यह बात तो कमलेश के स्वजन जानते ही थे कि जब हमने उसे नहीं मारा तो वह जिदा जरूर होगी। इसका आभास कमलेश की मां चंद्रवती को हो गया था परंतु जब तक आंख से नहीं देखा लिया तो यकीन नहीं किया। चंद्रवती को किसी ने दो महीना पहले सूचना दी थी कि उनकी बेटी जिदा है। इस पर कमलेश ने मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर बेटी को बरामद कराने की मांग की परंतु उनकी गुहार को अनसुना कर दिया गया। यानि दो महीना पहले मिली सूचना ठीक थी।
गांव मलकपुर निवासी सुरेश की बेटी 6 फरवरी, 19 को प्रेमी संग घर से चली गई। उसके बाद आदमपुर पुलिस ने इस प्रकरण को किस हाल में पहुंचा दिया अब डेढ़ साल बाद यह सबके सामने आ गया। रस्सी का सांप बनाने वाली पुलिस की इस प्रकरण से किरकिरी हो रही है। इस सारे मामले में एक नया तथ्य यह सामने आया है कि कमलेश की मां चंद्रवती को दो महीना पहले उसके जिदा होने की सूचना मिली थी परंतु किसी ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया था। पुलिस विभाग के सूत्र बताते हैं कि घर से लापता होने के बाद कमलेश व उसका प्रेमी तीन-तीन महीना अलग-अलग शहरों में रहे। यहां से सीधे दोनों दिल्ली गए तथा तीन महीना ठहरने के बाद ठिकाना बदल दिया तथा मुरादाबाद आकर किराए के मकान में रहने लगे। तीन महीना ही यहां ठहरे तथा उसके बाद गाजियाबाद चले गए। गाजियाबाद में प्रेमी हलवाई का काम काम करने लगा। इस दौरान दोनों ने शादी कर ली थी।
फिलहाल यह बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के दौरान काम बंद होने के कारण दोनों गांव पौरारा लौट आए थे। 12 जून, 20 को कमलेश की मां चंद्रवती द्वारा मुख्यमंत्री को भेजा गया पत्र सही साबित हो गया। चंद्रवती ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा था कि उसकी बेटी जिदा है तथा गजरौला के गांव शीशोवाली में रह रही है। चंद्रवती को किसी ने इसकी जानकारी दी थी परंतु किसी ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया था। खुद चंद्रवती का कहना है कि हमें यह आभास तो था कि कमलेश जिदा है। अब अपनी आंख से देख कर यकीन आ गया।