फोटो एच4, वफाओं के बदले मिला कुछ नहीं है..
हसनपुर: मुहल्ला कायस्थान में यहां के पहले साहिबे दीवान शायर सुलेमान फरा•ा के आवास पर म
हसनपुर: मुहल्ला कायस्थान में यहां के पहले साहिबे दीवान शायर सुलेमान फरा•ा के आवास पर मशहूर संस्था फरा•ा उर्दू सोसायटी के तत्वावधान में एक शानदार मुशायरे का आयोजन किया गया। इसकी शुरूआत शमा रोशन करके सपा के पूर्व नगर अध्यक्ष नफीस बेगाना ने की। जमालुददीन अंसारी ने अपना शेयर पेश करते हुए कहा मैं गुमकरदह मं•िाल को पाने चला हूं, कहां है वो मं•िाल पता कुछ नहीं है। फरहत इ़कबाल ने कहा यहां एहतराम ए बु•ाुर्गी नहीं कुछ, इन्हें पास ए शर्म ओ हया कुछ नहीं है। सुलेमान फरा•ा ने कुछ यूं कलाम पेश किया ये अपनी बात पे कायम कभी नहीं रहते, मुनाफि़कों का कोई ऐतबार थोड़ई है। मुजाहिद अंसारी ने कहा •ारा उनसे पूछो वो नारा•ा क्यों हैं, के जब मैंने उनसे कहा कुछ नहीं है। अफ•ाल सा़िकब ने कहा •ामीं हिल रही है, मकां गिर रहे हैं, ये आमाल हैं •ाल•ाला कुछ नहीं है। अफ•ाल गौहर ने कहा अ•ाल से लिखी है मु़कदद्र में गर्दिश, मेरे दोस्त तेरी खता कुछ नहीं है। नि•ाम नश्तर ने कहा मैं बर्बाद हूं बेवफाई से उसकी, वो यूं चुप है जैसे हुआ कुछ नहीं है। शादाब अंसारी ने कहा ये आंसू ही आंसू हैं आंखों में मेरी, तेरे इश्क बस मिला कुछ नहीं है। फैसल अथर ने कहा ये किस मोड़ पर तुम से दामन बचा लें, हसीनों का फैसल पता कुछ नहीं है।
अ•ाहर हसनपुरी ने कहा ये मतलब परस्तों की दुनिया है देखो, वफाओं के बदले मिला कुछ नहीं है। इसरार अहमद ने कहा अगर साथ हो तुम तो ये ¨•ादगी है, के जीने में तुम बिन म•ा कुछ नहीं है। फहीम खान ने कहा वो नारा•ा मुझसे है कैसे मनाऊं, मेरे दिल में उसके सिवा कुछ नहीं है। अध्यक्षता उस्ताद शायर जमालुददीन अंसारी ने व संचालन नि•ाम नश्तर ने किया। इस अवसर पर हकीम इफ्तेखार, हाजी तहसीन, हाजी साजिद, आमिर ़कुरैशी, माहेरब सैफी समेत बड़ी तादात में लोग मौजूद रहे।