कोरोना के चलते तिगरी मेले के आयोजन पर संशय
गजरौला कांवड़ यात्रा समेत कई प्रमुख पर्व इस साल कोविड-19 की भेंट चढ़ चुके हैं। अब तिगरी मेला को लेकर संशय है।
गजरौला (अमरोहा) : कांवड़ यात्रा समेत कई प्रमुख पर्व इस साल कोविड-19 की भेंट चढ़ चुके हैं। अब तिगरी गंगा मेले के आयोजन पर भी संशय के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। चूंकि दो माह का समय बचा है। अभी तैयारियों को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं है। इसको लेकर चितित प्रशासन ने शासन को पत्र भेजकर दिशा-निर्देश मांगे हैं।
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा के दोनों तट पर लगने वाला यह गंगा मेला उत्तर भारत के बड़े मेलों में से एक है। कार्तिक पूर्णिमा का मुख्य स्नान 28 नवंबर को है। मेले की प्रस्तावित तिथि 23 से 29 नवंबर है। तिगरीधाम में मेले का आयोजन कार्यदायी संस्था के तौर पर अमरोहा जिला पंचायत द्वारा किया जाता है। गंगा पार लठीरा में हापुड़ जनपद द्वारा मेला आयोजित किया जाता है।
यह गंगा मेला सदियों से लगता आना बताया जाता है। दोनों तट पर देवोत्थान से श्रद्धालु पहुंचना शुरू हो जाते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के बाद ही वापस लौटते हैं। तिगरी गंगा तट पर लगने वाले मेले में 15 से 20 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ जुटना बताई जाती है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते इसके आयोजन पर संशय के बादल मंडराते दिख रहे हैं। क्योंकि कार्तिक पूर्णिमा के लगभग दो माह शेष हैं, लेकिन अभी तक कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है।
कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा है। तिगरी गंगा मेले के आयोजन को लेकर अभी प्रशासन से किसी तरह की जानकारी नहीं मिली है। जिला अधिकारी के स्तर से शासन को पत्र भेजकर दिशा निर्देश मांगे गए हैं ताकि समय रहते उचित कदम उठाए जा सकें।
सरिता चौधरी, अध्यक्ष, जिला पंचायत, अमरोहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था राजकीय मेला घोषित
गजरौला : कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले इस मेले का आयोजन पहले अमरोहा व हापुड़ की जिला पंचायत के द्वारा किया जाता था। वर्ष 2017 में भाजपा की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने ब्रजघाट आगमन पर इस मेले को राजकीय मेला घोषित कर दिया था। उसके बाद से इसके लिए शासन से बजट मिलना शुरू हो गया।